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बोकारो के जैनामोड़ में जल्द खुलेगा झारखंड का तीसरा टूल रूम, रोजगार के खुलेंगे अवसर, जानें कैसे

झारखंड का तीसरा टूल रूम बोकारो के जैनामोड़ में खुलेगा. इससे युवाओं को रोजगार के साथ-साथ अपना प्रोजेक्ट लगाने में भी सहायता मिलेगी. इसको लेकर केंद्रीय मत्री नारायण राणे ने दिल्ली में गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी व बेरमो के पूर्व बीजेपी विधायक योगेश्वर महतो बाटूल को आश्वासन दिया.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो विधानसभा क्षेत्र के जैनामोड में करीब 250 करोड़ की लागत से बनने वाला टेक्नोलॉजी सेंटर (टूल रूम) का शिलान्यास जनवरी, 2024 में होगा. यह आश्वासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को दिल्ली में गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी व बेरमो के पूर्व बीजेपी विधायक योगेश्वर महतो बाटुल को दी है. सांसद श्री चौधरी व पूर्व विधायक श्री बाटुल ने मंत्री राणे से मिलकर जैनामोड में प्रस्तावित इस योजना को चालू करने का आग्रह किया. साथ ही मंत्री को इस योजना को जल्द चालू करने के बावत एक ज्ञापन भी दिया. इस पर मंत्री श्री राणे ने तत्काल अपने विभाग से इसका भेरीफाई कराया और कहा कि योजना स्वीकृत हो चुका है तथा जनवरी 2024 में इसका शिलान्यास कर दिया जायेगा.कहा कि इस प्रोजेक्ट को चालू करने को लेकर एमएसएमई मंत्रालय काफी गंभीर है.

टूल रूम के खुलने से युवाओं को रोजगार का खुलेगा अवसर

दिल्ली प्रवास के दौरान बुधवार को पूर्व बीजेपी विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि इस योजना को लाने के लिए काफी प्रयासरत था. इस प्रोजेक्ट के चालू हो जाने के बाद जहां क्षेत्र में रोजगार के अवसर खुलेंगे, वहीं आत्मनिर्भर भारत की परिक्लपना को साकार करने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगा. कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम से जुड़े जितने भी फेक्लिटिस हैं उनका इसमें ट्रेनिंग होगा. ट्रेनिंग करने के बाद वे नौकरी भी कर सकते हैं तथा अपना प्रोजेक्ट भी लगा सकते हैं. उद्योग लगाने के लिए मशीनरिज सर्पोट और वित्तीय सहायत भी विभाग प्रदान करेगा जिसमें सब्सीडी भी रहेगा.

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सांसद ने मंत्री नारायण राणे को लिखा पत्र

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे से मिलकर सांसद व पूर्व विधायक ने उनके नाम एक पत्र भी सौंपा. सांसद द्वारा लिखे पत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए देश भर में टेक्नोलॉजी सेंटर (टूल रूम) स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इसी संदर्भ में झारखंड के बोकारो जिला के जैनामोड में टेक्नोलॉजी सेंटर (टूल रूम) स्थापित किया जा रहा है. इसके निर्माण के लिए 20.46 एकड जमीन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय को ट्रांसफर किया जा चुका है. यह परियोजना बहुत दिनों से लंबित है. परियोजना का निर्माण जल्द से जल्द करायी जाय, ताकि उस क्षेत्र के अलावा पूरे झारखंड को इसका लाभ मिल सके. इस टेक्नोलॉजी सेंटर के निर्माण से हजारों लोगों को रोजगार एवं अपना उद्यम स्थापित करने में काफी सहायता मिलेगी. साथ ही इसके निर्माण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देने की भी मांग की गयी.

20.46 एकड जमीन ट्रांसफर

जैनामोड़ में प्रस्तावित टेक्नोलॉजी सेंटर (टूल रूम) के लिए एक रुपया टोकन बेसिस पर 20.46 एकड़ जमीन ट्रांसफर का आदेश जिला प्रशासन को दो माह पूर्व दिया गया. जिसके बाद जमीन हस्तांतरण किया गया है. मालूम हो कि वर्ष 2014 में जब सूबे में रघुवर दास की सरकार थी उस वक्त इस योजना को लेकर तत्कालीन बेरमो विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने राज्य के तत्कालीन उद्योग सचिव के रवि कुमार से मिलकर बेरमो विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ी योजना देने का आग्रह किया था. जब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने इस योजना को लेकर प्रस्ताव मांगा, तो उद्योग सचिव के रवि कुमार ने पूर्व विधायक को इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया. जिसके बाद इसे बेरमो विधानसभा के जैनामोड़ में लगाने की बात कही गयी. इसके लिए 20 एकड जमीन की जरूरत पड़ी.

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जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया हुई पूरी

उद्योग सचिव ने उस वक्त डीपीएलआर को प्रस्तावित स्थल का साइट, नक्शा व प्रपोजल बनाकर देने को कहा. एसएमएसई मंत्रालय को प्रपोजल भेजने के बाद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों तथा डीपीएलआर डायरेक्टर के नेतृत्व में एक टीम ने जैनामोड़ आकर प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी किया था. इसका प्रपोजल बनाकर मंत्रालय को भेजा गया. बाद में राज्य में हेमंत की सरकार आने के बाद यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गयी. हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद जमीन देने की प्रक्रिया में विलंब होता देख पूर्व विधायक श्री बाटुल ने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को इस पूरे मामले से अवगत कराया. जिसके बाद इस योजना का फाइल रेवन्यू विभाग व उद्योग विभाग के पास गया. यहां से फिर यह मामला कैबेनिट में गया तथा वहां से पास हुआ. इसके बाद ही दो माह पूर्व जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हुई.

वर्ष 2020 में हुआ निरीक्षण

भारत सरकार के मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय के माध्यम से जैनामोड़ में टूल रूम स्थापित किये जाने को लेकर वर्ष 2020 में एमएसएमई के सचिव डॉ अरुण कुमार पंडा ने जिला प्रशासन व जियाडा के अधिकारियों के साथ जैनामोड़ के मल्हन टांड़ में स्थल का निरीक्षण किया था. उन्होंने कहा था कि स्थल अच्छा है. बोकारो में इसका लाभ मिलेगा. युवाओं को कौशल प्रशक्षिण के साथ उद्यमियों को भी फायदा मिलेगा. इसके लिए जियाडा को जमीन का प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेजने का निर्देश दिया था.

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बोकारो का जैनामोड़ में बना रहा टूल रूम राज्य का तीसरा टूल रूम

बता दें कि यह जमीन निदेशालय परियोजना भूमि पुनर्वास की है. यह राज्य उद्योग विभाग के अधीन है. केंद्र सरकार ने देश भर में टूल रूम स्थापित करने के लिए 2019 के बजट में प्रावधान किया था. इसके लिए भारत सरकार की ओर से परियोजना को मंजूरी भी दी जा चुकी है. भारत सरकार की ओर से यह रकम खर्च की जाएगी. राज्य का यह तीसरा टूल रूम होगा.

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के कार्य

मालूम हो कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार का मंत्रालय है. यह भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन के लिए शीर्ष कार्यकारी निकाय है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे हैं. इसका उद्देश्य छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के विकास, संवर्धन और समर्थन का नियंत्रण करना है. यह मंत्रालय भारत सरकार के विभिन्न उद्यमों को समर्थन प्रदान करने के लिए नीतियों और योजनाओं का निर्माण और कार्यान्वयन करता है.

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मंत्रालय के कुछ मुख्य कार्य क्षेत्र निम्नलिखित हो सकते हैं

  • छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए नीतियों का तैयारी और अनुमोदन.

  • उद्यमों को वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करने के लिए योजनाएं चलाना.

  • उद्यमों के लिए तकनीकी सहायता और उनके विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाना.

  • उद्यमियों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना.

  • उद्यमों को विदेशी निवेशकों के साथ संबंध स्थापित करने और विदेशी प्रोयोजनाओं को भारत में स्थानांतरित करने के लिए अनुमति प्रदान करना.

  • उद्यमियों के लिए उद्योग विकास और प्रविष्टि के लिए विभिन्न योजनाओं का निर्माण करना और समर्थन प्रदान करना और

  • छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए सरकारी प्रोग्रामों और योजनाओं के लाभ का प्रबंधन करना.

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