बोकारो कृषि हब के रूप में होगा विकसीत, पानी पटवन की व्यवस्था बहाल करने की योजना
बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत महुआटांड़ में लिफ्ट इरिगेशन और सोलर सिस्टम विधि से पानी पटवन की व्यवस्था बहाल करने की योजना है. इसके बहाल करने से कृषि विकास में बल मिलेगा और महुआटांड़ पंचायत कृषि हब बनके उभरेगा.
ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर : बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत महुआटांड़ थाना क्षेत्र के महुआटांड़ कृषि विकास के मामले में यहां के किसान काफी मेहनती हैं. राज्य सरकार के कृषि विभाग के द्वारा लिफ्ट इरिगेशन और सोलर सिस्टम विधि से पानी पटवन की व्यवस्था बहाल किया जाये तो महुआटांड पंचायत कृषि हब बन सकता है. जिससे सैकड़ों की संख्या में किसान साल के बारह माह कृषि कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
महुवाटांड़ निवासी लालेश्वर महतो अपने दो एकड़ भूमि में बारहो माह मौसम के अनुसार विभिन्न प्रकार के साब्जियों का उत्पादन करते हैं और इसी आमदनी से अपना परिवार की भरण पोषण करते हैं. उनका कहना है कि मेरे पूर्वजों का मुख्य पेशा खेतीबारी थी और मैं भी अपने पूर्वजों के प्रेरणा से खेती का कार्य बच्चपन से जुड़ा हूं. मेरे पिता भी खेती करते थे और भाइ भी खेती करते है, वो अपने खेतों में मौसम के अनुरूप टमाटर, भिंडी, परवल, कद्दू, सलजम, मिरचाई आदि सब्जियों का पैदावार करते हैं. खेत से पैदावार सब्जी को नजदीक के बाजार के अलावा रामगढ, चैनपुर, घाटो आदि जगहों में बेचते हैं.
पानी पटवन की सुविधा बहाल होने से मिलेगा कृषि विकास में बल
पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के द्वारा विधायक मद से मिले कूप से अपने खेतों में पानी पटवन कर सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. कूप मिलने से सब्जी के अलावा अन्य अनाज की पैदावार करने में उपयोग हो रहा है. दो वर्षो से विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री शिंचाइ योजना के तहत मिले सौर सिस्टम से पानी पटवन में काफी सहुलियत हो रही है. पानी पटवन की सुविधा बहाल होने से कृषि विकास में काफी बल मिल रहा है. महुआटांड़ में महतो के अलावा आसपास में दर्जनों किसान कृषि कार्य में जुडे हैं.
कृषि हब के रूप में होगा विकसीत
क्षेत्र में काफी बडा भू भाग पानी पटवन के अभाव में कृषि विकास कार्यो में किसान लाभान्वित नहीं हो पा रहे है. मनरेगा विभाग से कूप मिला है जो प्रयाप्त मात्रा में नहीं है. क्षेत्र में लिफ्ट इरिगेशन व सौर सिस्टम किसानो को मिल जाये तो महुआटांड़ कृषि हब के रूप में विकसीत होगा. इससे बेरोजगारी दूर करने में बल मिलेगा. महुआटांड़ के अलावा कडेंर, कुन्दा, बारीडारी, होन्हे, चुगनू, जगेश्वर, खखंडा, लावालौंग आदि गांवों में बडे पैमाने पर खेती होती है.
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