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Jharkhand Andolankari: पारंपरिक हथियारों से लैस झारखंड आंदोलनकारी सड़क पर उतरे, सड़क जाम से वाहनों की लंबी कतार

Jharkhand Andolankari: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराया. वे पारंपरिक हथियारों से लैस थे. सड़क जाम से लोग परेशान रहे. वाहनों की लंबी कतार लग गयी. उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य की तरह अपना अधिकार भी लड़कर लेंगे.

By Guru Swarup Mishra | September 11, 2024 10:37 PM
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Jharkhand Andolankari: जैनामोड़ (बोकारो): झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर जैनामोड़ फोरलेन को लगभग तीन घंटे तक जाम कर दिया. मोर्चा के सदस्य पारंपरिक हथियारों के साथ सड़कों के बीचोंबीच बैठक गये. जाम से वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इससे राहगीरों के साथ आमजनों को काफी परेशानी हुई. नेतृत्व मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष ललित नारायण ने किया. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को सरकार नहीं मानती है, तो झारखंड में फिर एक उलगुलान होगा.

सड़क जाम से परेशान रहे लोग

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने छोटे वाहनों को भी रोक दिया. इससे लोग परेशान रहे. इसके बाद जरीडीह सीओ प्रणब ऋतुराज व जरीडीह थाना प्रभारी कुमार विक्रम सिंह पहुंचे और आंदोलनकारियों को समझाकर जाम को छुड़वाया. बंद को सफल बनाने में संघर्ष मोर्चा केंद्रीय अध्यक्ष विदेशी महतो, ठाकुर महतो, सहदेव महतो, सुनीता देवी, तारा देवी, विशेश्वर महतो, शिबू दिगर, उर्मिला देवी, कालो देवी, मंजू देवी, मीना देवी, कंचन देवी, योगेंद्र महतो, रीता देवी, किशोर कुमार दास, मनोज कुमार, संतोष कुमार, टाइगर महतो, शंकर महतो, चंद्रगुप्त कुमार, धमेंद्र कुमार, विक्की कुमार, हीरालाल महतो, विवेक कुमार, भूभन दास, सैनुल हक सौदागर, डैनियल, जुलेश कुमार, बालेश्वर कुमार, प्रेम कुमार, अरविंद कुमार, लखन महली, इंद्रजीत सोरेन, वीरू हेमब्रेम, भीम मांझी, सचिन कुमार आदि शामिल थे.

सड़क पर उतर कर दर्ज कराया विरोध

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने अपने अधिकार सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार को झारखंड बंद का आह्वान किया था. इसके तहत मोर्चा के सदस्य सुबह ही सड़क पर उतर गये. चास जोधाडीह मोड़ चौक सुबह छह बजे से दोपहर 12.30 बजे तक जाम रखा. आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य की प्रथम सरकार से लेकर वर्तमान तक किसी ने राज्य के आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, हक-अधिकार व पेंशन के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं की. सभी ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है. अब सभी आंदोलनकारी एक मंच पर आकर अपने अधिकार के लिए एक और लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हैं. जिस तरह आंदोलन कर और लड़ाई लड़कर झारखंड अलग राज्य लिया है. उसी तरह अपना हक-अधिकार भी लड़कर लेंगे.

आंदोलनकारियों को नहीं मिल सकी है पहचान

झारखंड निर्माण के दो दशक से अधिक होने के बाद भी आंदोलनकारियों को पहचान तक नहीं मिल पायी. हमलोगों ने जिन उम्मीदों के साथ अलग राज्य का सपना देखा था, वो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. कहा सरकार सभी जिले में चिन्हित आंदोलनकारी के सूची को जारी करें नहीं, तो हमलोगों का आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलनकारियों ने ढोल-नगाड़े के साथ राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर चास में बंद कराया. दोपहर तक मेडिकल, दूध व फल- सब्जी की दुकान छोड़कर ज्यादातर दुकान बंद रही.

बोकारो-धनबाद और चास-पुरुलिया का आवागमन रहा ठप

जोधाडीह मोड़ चौक जाम होने के कारण धनबाद, चंदनकियारी व पुरुलिया मुख्य पथ पर भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई. जाम होने के आधे घंटा के बाद ही चास, चीरा चास व चास मुफस्सिल थाना की पुलिस पहुंची और आंदोलनकारियों को समझाकर जाम हटाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और चौक पर बैठ गए. इस कारण बोकारो- धनबाद और चास-पुरुलिया का आवागमन ठप हो गया. दोपहर 12 बजे चास सीओ दिवाकर दूबे और डीएसपी प्रवीण कुमार सिंह जोधाडीह मोड़ पहुंचे. आंदोलनकारियों को समझा बुझा कर जाम छुड़वाया. इसके बाद करीब 12.30 आवागमन शुरू हुआ. आंदोलनकारियों ने चास सीओ और डीएसपी को अपना मांग पत्र सौंपा.

आंदोलन में ये थे शामिल

आंदोलनकारी पार्वती चरण महतो, हाबुलाल गोराई, राजदेव महथा, खिरोधर महतो, विक्रम कुमार महतो, लालमोहन शर्मा, साधन माहथा, राकेश कुमार महतो, संतोष कुमार सिंह, साधन मंडल, खगेंद्र नाथ वर्मा, करमचंद गोप, लालमोहन शर्मा, नंदराज महतो, संजय लाल महतो, नागेश्वर महतो, विश्वनाथ दत्ता, सुशील झा, परीक्षित माहथा, गोलबाबू अंसारी, जुबील अहमद, मिहिर बाउरी, भागीरथ महतो, कृष्णा तिवारी, ज्योति लाल महतो, राजकुमार महतो, भागीरथ शर्मा, वीरेंद्र कुमार, अंबुज गोराई, उदय चंद्र प्रसाद, भीम रजक, सोनाराम टुडू, गयासुद्दीन शाह, अमीर शेख, मनींद्र, निर्मल धीवर, दिनेश नायक सहित अन्य शामिल थे.

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