रांची : झारखंड विधानसभा से संशोधन के बाद सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित हो गया. सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड अहम है. इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध भी है. खूंटी के विधायक व पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि वे सरना धर्म कोड के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं, लेकिन कांग्रेस ने इसमें राजनीति की है. चर्चा के दौरान सत्र हंगामेदार रहा.
अब सरना आदिवासी धर्म कोड लागू होगा. कैबिनेट द्वारा जारी संकल्प में संशोधन किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी स्वीकृति दे दी है. आपको बता दें कि लंबे वक्त से झारखंड में सरना धर्म कोड की मांग की जा रही थी. झारखंड के आदिवासी इस मांग को लेकर हमेशा आंदोलनरत रहे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड को लेकर आज विशेष सत्र बुलाया और ये प्रस्ताव संशोधन के बाद पारित हो गया. अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जायेगा.
झारखंड विधानसभा से संशोधन के बाद आज बुधवार को सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित हो गया. चर्चा के दौरान विधानभा का विशेष सत्र हंगामेदार रहा. अब सरना आदिवासी धर्म कोड के पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जायेगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि आज विधानसभा का विशेष सत्र झारखंड के इतिहास में ऐतिहासिक दिन साबित होगा.
आज विधानसभा का विशेष सत्र झारखण्ड के इतिहास में ऐतिहासिक दिन साबित होगा। pic.twitter.com/R9jJfHb3F4
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 11, 2020
सरना धर्म कोड को लेकर आयोजित झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र हंगामेदार रहा. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी बातें रखीं. इस दौरान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरना धर्म कोड का वे समर्थन करते हैं, लेकिन आदिवासी शब्द जोड़कर कांग्रेस ने राजनीति की है.
खूंटी से भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा पहले अलग कोड था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. अगर इसे नहीं हटाया जाता, तो आदिवासियों की ये स्थिति नहीं होती. उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव जल्दबाजी में लाया गया है. इस दौरान नवनिर्वाचित सदस्यों को उन्होंने बधाई दी.
खूंटी से भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा कि सरना धर्म कोड को लेकर चर्चा जरूरी है. प्रस्ताव का वे स्वागत करते हैं, लेकिन इस संदर्भ में उन्हें कुछ शंका है. ऐसा लगता है जैसे राजनीति के तहत इसे लाया गया है. आदिवासी/सरना की जगह सिर्फ सरना लिखा जाए या आदिवासी सरना लिखा जाए. उन्हें कोई ऐतराज नहीं है.
भाजपा के रांची से विधायक व पूर्वी मंत्री सीपी सिंह व नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में सरना धर्म कोड को लेकर चर्चा की मांग की. कुछ देर के लिए इस दौरान सदन में हंगामा हुआ.
झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर लंबे अरसे से मांग की जा रही है. इसके लिए धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किए गये. आखिरकार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में आज विशेष सत्र बुलाया. आज विशेष सत्र के दौरान भाजपा के विधायकों ने चर्चा की मांग की.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को सरना धर्म कोड मिलने से देशभर में अच्छा संदेश जायेगा. बढ़ते प्रदूषण को लेकर पूरा देश चिंतित है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण आदिवासियों का धर्म ही है. झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया गया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र के दौरान कहा कि जनसंख्या में कमी के कारण झारखंड के आदिवासियों को मिलनेवाले संवैधानिक अधिकारों पर असर पड़ता है. झारखंड के आधिवासियों को सरना धर्म कोड मिल जाने के बाद इन्हें कई फायदे मिलेंगे.
हर 10 वर्ष पर जनगणना होती है, लेकिन जनगणना के दौरान आदिवासी अपने इलाके में नहीं रहते. राज्य से पलायन कर जाने के कारण उनकी जनगणना नहीं हो पाती.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की जनसंख्या लगातार कम हो रही है. जनगणना के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि झारखंड में गैर आदिवासियों की तुलना में आदिवासी जनसंख्या की वृद्धि दर काफी कम है.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के आदिवासी प्रकृति पुजारी हैं. प्रदूषण से देश जूझ रहा है. ऐसे में झारखंड के आदिवासियों का पर्यावरण संरक्षण ही धर्म है. ये प्रकृति की पूजा करते हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों के लिए अहम है. इससे झारखंड के आदिवासियों को कई लाभ मिलेंगे.
https://twitter.com/JharGovTV/status/1326401576269979650झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही जारी है. सदन को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संबोधित कर रहे हैं. इससे पहले झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींन्द्रनाथ महतो से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने पिछले दिनों ट्वीट कर कहा था कि सरना धर्म कोड से आदिवासियों को नयी पहचान मिलेगी.
झारखंड विधानसभा में आज सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. अलग धर्म कोड लागू करने के लिए जनसंख्या कॉलम में इस धर्म के लिये अलग से जगह देने की मांग की जायेगी.
झारखंड के इतिहास में पहली बार सरना धर्म कोड को लेकर विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर गंभीरता दिखायी है. झारखंड के आदिवासियों की प्रमुख मांगों में से ये महत्वपूर्ण मांग है.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना संक्रमण काल के बीच शुरू हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र के सुचारू रूप से संचालन में वे सभी से सहयोग का आग्रह करते हैं.
इस संक्रमण काल के बीच प्रारंभ हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग का आग्रह है.
— Rabindra Nath Mahato। Speaker – Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) November 11, 2020
ताकि हम लोकतांत्रिक परम्पराओं को और अधिक सशक्त बना सकें। #Visheshsatra pic.twitter.com/mkyGplbvAW
विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर भाजपा ने भी रणनीति बनायी है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में हुई बैठक में विशेष सत्र के दौरान विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया. भाजपा ने जनजातीय समुदाय के लिए अलग धर्म कोड के समर्थन करने का निर्णय किया है.
झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने जानकारी दी कि बैठक में विधायकों को सरना धर्म कोड के प्रस्ताव की प्रति दी गयी. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज बुधवार को आयोजित विशेष सत्र को लेकर सभी विधायकों को मौजूद रहने का निर्देश दिया है.
विधानसभा में जनजातीय समुदाय के लिए अलग धर्म कोड की मांग पर मुहर ऐतिहासिक होगा. इस दौरान विधानसभा में मजबूती से अपना पक्ष रखकर प्रस्ताव की खूबियों का जिक्र किया जायेगा.
जनजातीय समुदाय के लिए जनगणना-2021 में अलग सरना धर्म कोड का प्रस्ताव आज झारखंड विधानसभा में पारित किया जायेगा. सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसके लिए पुख्ता तैयारी की है. इसके मद्देनजर झामुमो और कांग्रेस विधायक दल की अलग-अलग बैठक भी हुई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर झामुमो विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है.
झारखंड के आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मांग काफी पुरानी है. इसको लेकर समय-समय पर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अपनी आवाज उठायी है. आदिवासी संगठन इस मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर पहल की है.
सरना धर्म कोड को लेकर आज झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया है. विधानसभा से इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाना है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संदर्भ में पहल की है. झारखंड के इतिहास में पहली बार सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित है.
Posted By : Guru Swarup Mishra