Jharkhand Chunav: चंदनकियारी में NDA-India के बीच टफ फाइट, JMM प्रत्याशी उमाकांत के लिए ये चुनाव क्यों जरूरी

Jharkhand Chunav: चंदनकियारी में इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच जोरदार फाइट है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी बीजेपी की तरफ से मैदान में हैं. वहीं, झामुमो के उमाकांत रजक के लिए ये चुनाव काफी अहम है.

By Sameer Oraon | November 6, 2024 9:03 AM

Jharkhand Chunav, रांची : झारखंड में राजनीतिक पारा लगातार उफान पर है. हर सीट पर कांटे की टक्कर है. झारखंड में चंदनकियारी विधानसभा की सीट पर सबकी नजर है. यह सीट हॉट बनी है. इस सीट से प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी दावं लगा रहे हैं. भाजपा में श्री बाउरी का कद बढ़ा है. ऐसे में चंदनकियारी का चुनाव बाउरी के लिए खास है. चुनाव परिणाम उनका राजनीतिक भविष्य लिखेगा. भाजपा की भी साख जुड़ी है. वहीं इंडिया गठबंधन ने उमाकांत रजक को मैदान में उतारा है. इस सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन की सीधी लड़ाई है. पिछले दो चुनाव से चंदनकियारी में जमीन तलाश रहे उमाकांत के लिए भी यह चुनाव अहम होगा. वह वर्ष 2009 में इस सीट को जीत चुके हैं. इस सीट को लेकर भाजपा गंभीर है. पहली बार कोई प्रधानमंत्री चंदनकियारी में चुनाव प्रचार करने आ रहे हैं.

2005 से आमने-सामने रहे हैं उमाकांत रजक व अमर बाउरी

इस बार के विधानसभा चुनाव के पहले चंदनकियारी में एनडीए को झटका लगा. आजसू के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री रहे उमाकांत रजक आजसू छोड़ झामुमो में शामिल हो गये. झामुमो ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया. जबकि, भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार कुमार बाउरी मैदान में हैं. श्री रजक व श्री बाउरी के बीच राजनीतिक लड़ाई वर्ष 2005 से चली आ रही है. दोनों 2005 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे. उमाकांत रजक पेशे से बीएसएल कर्मी व अमर कुमार बाउरी शिक्षक थे. पहले चुनाव में उमाकांत रजक को 13706 व अमर कुमार बाउरी को 12509 वोट मिला था. वे दोनों क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे थे.

1990 के बाद पहली बार झामुमो व भाजपा में सीधी लड़ाई

झारखंड राज्य बनने के बाद चंदनकियारी में हमेशा से त्रिपक्षीय राजनीतिक लड़ाई होती थी. जेएमएम, भाजपा, आजसू व निर्दलीय प्रत्याशी आमने-सामने रहते थे. लेकिन, झारखंड राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है, जब यहां दो गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई हो रही है. 2000 के चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी हारू रजवार ने जीत दर्ज की थी. हारू रजवार ने इस चुनाव में 42.64 प्रतिशत वोट हासिल किया था. दूसरे स्थान पर निर्दलीय सतीश चंद्र व तीसरे स्थान पर भाजपा के गौर हरिजन थे.

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झामुमो ने सिटिंग विधायक का काटा था टिकट, परिणाम बदला, विधायक बने उमाकांत

2009 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने सिटिंग विधायक हारू रजवार की जगह संतोष रजवार को प्रत्याशी बनाया. नाराज होकर हारू रजवार ने जदयू का दामन था. 2009 के चुनाव में हारू रजवार तीसरे स्थान पर रहे. जबकि, झामुमो प्रत्याशी संतोष रजवार चौथे स्थान पर रहे. 2009 के विधानसभा चुनाव में आजसू के प्रत्याशी रहे उमाकांत रजक विजयी हुई. जबकि, जेवीएम के अमर कुमार बाउरी दूसरे स्थान पर रहे.

पहले जेवीएम, तो फिर भाजपा से जीते अमर कुमार बाउरी

2014 के चुनाव में जेवीएम के प्रत्याशी अमर कुमार बाउरी ने जीत दर्ज की. अमर कुमार बाउरी ने रिकॉर्ड 51.18 प्रतिशत वोट हासिल किया. वहीं दूसरे स्थान पर आजसू भाजपा गठबंधन के उमाकांत रजक रहे. वहीं तीसरे स्थान पर झामुमो के हारू रजवार रहे. 2014 के चुनाव के बाद अमर कुमार बाउरी जेवीएम से भाजपा में शामिल हुए. 2019 में भाजपा ने अमर कुमार बाउरी को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में अमर कुमार बाउरी फिर से जीते. जबकि, आजसू के उमाकांत रजक दूसरे व झामुमो के विजय रजवार तीसरे स्थान पर रहे.

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