Bokaro Crime News: बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के कुम्हार टोला में धर्म छिपा एक किशोरी से जबरन शादी कर रहा फर्जी इंस्पेक्टर पुलिस को देख मौके से फरार हो गया. आरोपी 50 वर्षीय फिरोज उर्फ असलम खान उर्फ संजय कसेरा उर्फ राज सोरेन है. वह सात दिसंबर की रात हिंदू युवक संजय कसेरा बनकर कुम्हार टोला में 16 वर्षीया एक किशोरी से जबरन शादी कर रहा था.
शादी के लिए उसने किशोरी के परिवारवालों को भयभीत कर रखा था. शादी समारोह के दौरान कुछ रिश्तेदारों को उस पर शक हुआ, तो उनलोगों ने हरला पुलिस व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सूचना दे दी. जब पुलिस वहां पहुंची तो आरोपी चकमा देकर भाग निकला. हरला पुलिस ने लोगों से मिले इंस्पेक्टर की वर्दी व नकली पिस्तौल जब्त कर ली है. पुलिस के अनुसार, आरोपी आदतन अपराधी है. वह चतरा, रांची, रघुनाथपुर व जामताड़ा जेल जा चुका है.
आरोपी खुद को झारखंड पुलिस का इंस्पेक्टर बताकर पीड़ित परिवार को धमकाकर उन्हीं के घर में बीते छह माह से रह रहा था. उसने झांसे में लेकर किशोरी के माता-पिता को शादी के लिए रजामंद कर लिया था. हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि किशोरी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है. सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने बताया कि हरला पुलिस को सूचना मिली कि एक अधेड़ व्यक्ति नाबालिग के साथ शादी कर रहा है. सूचना पर पुलिस पहुंची, तो वह भाग गया.
कुम्हार टोला निवासी पीड़िता के पिता, जो मजदूरी करता है, ने पुलिस को बताया कि वह अपनी पत्नी व दो नाबालिग पुत्रियों के साथ रहता गांव में रहता है. उसे लोन की जरूरत थी, तो वह एक निजी बैंक के चक्कर लगा रहा था. वहां एक दिन आरोपी ने बातचीत में खुद को बैंक का मैनेजर बताते हुए लोन शीघ्र पास कराने का झांसा दिया. हालांकि इसी बीच लोन पास हो गया. इसका श्रेय आरोपी ने खुद को लेते हुए पीड़ित परिवार के घर आवाजाही बढ़ा दी.
फिरोज मूलत: बिहार के गया जिले का रहने वाला है और वर्तमान में धनबाद के वासेपुर में घर बनाकर रह रहा था. वह तीन शादियां रचा चुका है. इससे पहले उसने एक आदिवासी महिला को झांसे में लेकर शादी की थी. पेटरवार की रहने वाली आदिवासी महिला को आरोपी ने अपना नाम राज सोरेन बताया था. फिरोज उर्फ असलम खान को चास थाना पुलिस ने 25 मई 2021 को ठगी के मामले में जेल भेजा था. यह थाना आने वाले फरियादियों को केस हल्का करने के नाम पर खुद को पुलिस बता ठगी करता था.
फिरोज इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर खुद को पुलिस भी बताने लगा. इससे परिवार काफी भयभीत रहने लगा. उसने गरीब माता-पिता को उनकी बड़ी पुत्री से शादी कराने के लिए राजी कर लिया और सात दिसंबर की रात दूल्हा बन गया. बताया जाता है कि वरमाला हो चुकी थी और अब सिंदूरदान आदि की प्रक्रिया होने वाली थी. इसी दौरान बातचीत में एक रिश्तेदार को आरोपी दूसरे धर्म का लगा. आरोपी जिस कमरे में ठहरा हुआ था, वहां जांच की गयी तो उसके दो आधार कार्ड मिले. इसके बाद रिश्तेदारों ने शादी की प्रक्रिया रोक दी और पुलिस तथा बजरंग दल को फोन कर बुला लिया.