jharkhand Cyber Crime Latest News, Cyber Crime News in Hindi, बोकारो : चास चेकपोस्ट स्थित यमुना कैशल होटल के कमरा नं 206 में बैठ लोगों से ठगी कर रहे सात साइबर अपराधियों को चास पुलिस ने शनिवार की रात छापेमारी कर गिरफ्तार किया. इनमें एक महिला भी शामिल है. कमरे में घुसने पर पुलिस ने देखा कि सभी अपराधी अपने-अपने मोबाइल पर लोगों को झांसे में ले रहे थे. पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो अपराधी अपनी पहचान छिपाने लगे. ऐसे में पुलिस सभी को गिरफ्तार कर थाना ले आयी. कड़ाई से पूछताछ करने पर अपराधियों ने साइबर ठगी की बात स्वीकार की. यह जानकारी चास एसडीपीओ पूनम मिंज ने रविवार को चास थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में दी.
होटल के कमरे से मिले संदिग्ध सामान : छापेमारी के दौरान ही पुलिस ने होटल के कमरा सं 206 से कई संदिग्ध सामान बरामद किया है. इनमें सात विभिन्न बैंकों के पासबुक, 18 विभिन्न बैंकों की एटीएम, सात चेकबुक, 19 विभिन्न कंपनी के एंड्रायड व की पैड मोबाइल, 19 विभिन्न कंपनी के सिम कार्ड, 37 ग्राम की सोने की एक चेन सहित चार लाख 17 हजार 700 रु भी बरामद किये गये. बोकारो के होटल में साइबर ठगी से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
अपराधी स्कॉर्पियो वाहन (बीआर01पीबी-8850) से आवाजाही करते थे. उक्त वाहन को भी होटल के बाहर से जब्त किया गया है. छापेमारी दल में प्रशिक्षु एसआइ उदय कुमार दास, मनीष कुमार, कार्तिक महतो, चंचल कुमार, संदीप कुमार भारती, अनुपमा रश्मि हेंब्रम, राजेश कुमार दांगी, एएसआइ रामेश्वर वर्मा, सुखदेव सिंह काल्हा, आरक्षी मिठू दसौंधी, प्रदीप कुमार घोषाल, हृदेश अनुग्रह तिवारी सहित कई पुलिसकर्मी शामिल थे.
चास एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में सोनभद्र (यूपी) जिला के पकरी कच्छ निवासी विजय उर्फ वीरहंस, बिहार के नवादा स्थित झौर निवासी आत्मानंद कुमार उर्फ शंभु सिंह, गौरव कुमार, शेखपुरा के डोभाडीह निवासी मिंटू कुमार, नालंदा के ईटवारा निवासी अविनाश आनंद,
नवादा वारसलीगंज के गौढ़ापर निवासी राजमुनी सहगल, नवादा काशीचक के लाल बिगहा निवासी कुणाल कुमार सहित आत्मानंद की पत्नी अनिता कुमारी बीते कई वर्षों से ठगी कर रहे हैं. कुछ दिन पूर्व ही आरोपी चास के उक्त होटल के कमरे में रुके थे. चास पुलिस सभी को जेल भेजने की तैयारी में जुटी है.
चास थाना प्रभारी रामप्रवेश कुमार ने बताया कि अपराधी विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों की वेबसाइट की जांच करते रहते थे. उक्त वेबसाइट पर कोई भी किसी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किये हुए होते हैं. उक्त आवेदन से व्यक्ति का मोबाइल नंबर निकाल कर उसे फोन करते हैं और काम हो गया, बदले में किसी एक बैंक खाता में राशि मंगवाते हैं.
आवेदन किया हुआ व्यक्ति अनजाने में उसके झांसे में आ जाता था और वह बड़ी राशि अपराधी के कहने पर बताये गये खाता में डाल देता था. जिस बैंक खाता में राशि मंगायी जाती थी. वह खाता भी फर्जी रहता था. यानी किसी भी ग्रामीण व्यक्ति को पैसों का लालच देकर उससे खाता खुलवा लेते हैं और उसका पासबुक, एटीएम सहित लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर का सिम भी अपराधी रख लेते थे.
उक्त बैंक खाता में राशि आते ही पैसे को तुरंत निकाल लिया जाता था. अपराधी इस प्रकार के कई हथकंडे अपनाकर मासूम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. कुछ अपराधी फोन कर लोगों को फांसते हैं तथा कुछ लोग पैसा निकालते हैं. कुछ लोग जाली दस्तावेज बनाकर बैंक में खाता खुलवाते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई और अपराधी भी शामिल हैं, उन्हें ट्रेस कर गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है.
Posted By : Sameer Oraon