झारखंड के इन गांवों की बेटियों की नहीं हो पा रही शादी, बारात आने से भी कतराते हैं लोग, जानें वजह

किसी भी परिवार के लिए बेटियों की शादी किसी सपने से कम नहीं होता है. सारा परिवार इसमें लगा रहता है. पर किसी वजह से बेटियों की शादी नहीं हो पाती है, तब परेशानी होती है. बेटियों की शादी न हो पाने की वजह जब व्यवस्थागत हो तब सवाल खड़े होते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2022 12:18 PM

Jharkhand News: किसी भी परिवार के लिए बेटियों की शादी किसी सपने से कम नहीं होता है. सारा परिवार इसमें लगा रहता है. पर किसी वजह से बेटियों की शादी नहीं हो पाती है, तब परेशानी होती है. बेटियों की शादी न हो पाने की वजह जब व्यवस्थागत हो तब सवाल खड़े होते हैं. ऐसी व्यवस्थागत कमी की वजह से बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में आने वाले दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां बेटियों की शादी नहीं हो पाती है. आलम यह है कि अगर तमाम प्रयास के बाद शादी तय हो भी जाती है, तो लोग बारात ले कर आना पसंद नहीं करते हैं.

जर्जर रास्ता नहीं होने दे रहा बेटियों की शादी

गोमिया प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चतरोचट्टी थाना को गोमिया थाना से जोड़ने वाला करमाटांड-लोधी पंचायत पथ पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इसकी लंबाई लगभग सात किलोमीटर है. जर्जर सड़क ने केवल लोगों के आवागमन में परेशानी खड़ा कर रहा है, बल्कि रिश्ते जुड़ने में भी आड़े आ रहा है. यह सड़क तीन पंचायत के दर्जनों गांवों को जोड़ता है. गांव वालों की माने तो जर्जर सड़क की वजह से गांव की बेटियों की शादी नहीं हो पा रही है. शादी के लिए रिश्ते नहीं आते हैं. शादी के लिए आने वाले परिवारों का कहना होता है कि जिस गांव में सड़क नहीं है, उस गांव की स्थिति कैसी होगी. ग्रामीणों के मुताबिक अगर किसी तरह बेटियों की शादी तय भी हो जाती है तो लोग बारात लेकर आना नहीं चाहते हैं.

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12 साल से नहीं हुआ जर्जर पथ का मरम्मत

ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए रास्ते और पुल निर्माण की बात करती है. जबकि करमाटांड लोधी पथ का निर्माण हुये 12 वर्ष गुजर गये पर आज तक एक बार भी विभाग के द्वारा इसे ठीक नहीं कराया गया है. आलम यह है कि अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. तीन पंचायत के ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन इस रास्ते पर दुर्घटना होती है. लोग घायल होते हैं. इस रास्ते से लोदी, चुटे, कर्री पंचायत के करीब तीन दर्जन गांव जुड़े हुए हैं.

विधायक भी नहीं दे रहे ध्यान

बताते चलें कि रास्ते को ठीक कराने के लिए ग्रामीणों ने वर्तमान विधायक से लेकर पूर्व विधायक तक अपनी बात पहुंचायी. उन्होंने निर्माण के लिये पहल करने की बात भी कही पर ना जाने यह पथ किस राजनीति का शिकार या प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो गया है. विधायक के अलावा ग्रामीणो़ं ने बोकारो उपायुक्त से भी करमाटांड से लोधी सड़क को ठीक कराने का अनुरोध किया है. अब तो ग्रामीण आंदोलन करने के मुड में आ रहे हैं. चुटे पंचायत के मुखिया मो रियाज, लोधी पंचायत के मुखिया जुवैदा खातुन सहित उप मुखिया शबनम खातून, पचांयत समिति सदस्य यशवंत रविदास, सामाजिक कार्यकर्ता़ओं में राजू अंसारी, मनोज महतो, सफदर अंसारी, अताउला अंसारी, शिवलाल मरांडी, कुदूस अंसारी, हकीम अंसारी, मासूम अंसारी, शाबिर अंसारी ने अपनी बात रखी.

रिपोर्ट‌ : नागेश्वर

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