झारखंड से हो रहा मिलवटी कोयले का अवैध कारोबार, चारकोल और छाई मिलाकर किया जाता है तैयार

झारखंड के बोकारो जिले की दुग्धा रेलवे साइडिंग से अवैध कोयले का कारोबार हुआ है. छाई, चारकोल समेत कई चीजें मिलाकर तैयार किया जाता है. इसकी कीमत करीब 61.92 करोड़ रुपये बतायी जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2024 10:04 AM

बोकारो : बोकारो जिले की दुग्धा रेलवे साइडिंग से करोड़ों के मिलावटी कोयले का अवैध कारोबार हुआ है. पुलिस मुख्यालय की ओर से वहां छापेमारी के लिए भेजी गयी टीम की जांच में इसका खुलासा हुआ है. दरअसल, कोयले में छाई, चारकोल और पत्थर कोयला मिलाकर मिलावटी कोयला तैयार किया जाता है. फिर इस कोयले अच्छी क्वालिटी का बता कर रैक(मालगाड़ी) से बाहर भेजा जाता है. यह कारोबार करोड़ों रुपये का है. पुलिस की टीम को ‘बीकेबी लॉजिस्टिक’ और ‘आर्का लॉजिस्टक’ की साइडिंग से करीब 72 हजार टन कोयला मिला था. प्रति टन 8,600 रुपये के हिसाब से आकलन किया जाये, तो दोनों साइडिंग से मिले कोयले की कीमत करीब 61.92 करोड़ रुपये होगी. छापेमारी के बाद की गयी कार्रवाई को लेकर पुलिस टीम ने एक रिपोर्ट भी तैयार की है. इसके आधार पर दोनों ट्रांसपोर्ट कंपनियों के मालिक प्रमोद अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, मनोज अग्रवाल उर्फ बीनू, मीनू अग्रवाल, नारायण अग्रवाल, धर्मेंद्र सिंह उर्फ भोला सिंह सहित अन्य अज्ञात ट्रक मालिकों और चालकों पर दुग्धा थाना में केस दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सूचना मिली थी कि बोकारो के बीकेबी रेलवे साइडिंग और आर्का रेलवे साइडिंग पर बाहर कोयला भेजने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने इंस्पेक्टर आभास कुमार के नेतृत्व में जांच के लिए दुग्धा रेलवे साइडिंग पर एक टीम भेजी थी. जांच के दौरान बीकेबी रेलवे साइडिंग के प्वाइंट पर पूछताछ के क्रम में कोई भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. वहां के लोगों ने दबी जुबान में जांच टीम को बताया कि साइडिंग में ट्रक से अच्छा कोयला लाया जाता है. फिर इसमें चारकोल, छाई तथा अन्य बहुत कम गुणवत्ता वाला कोयला मिलाकर रैक में लोड कर बाहर भेज दिया जाता है. इस तरह खराब और मिलावटी कोयला भेजकर गुणवत्तापूर्ण कोयले का दाम वसूला जाता है.

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दोनों साइडिंग पर मिला मिलावटी कोयला :

जांच के क्रम में बीकेबी साइडिंग में दो जगह मिलावटी कोयले का ढेर पाया गया. बीकेबी साइडिंग के कांटाघर के सामने करीब 25-30 टन कोयला डंप था, जबकि पश्चिम दिशा में चार-पांच हजार टन डस्ट कोयला रखा हुआ था. साइडिंग में पांच ट्रक में कोयला लोड पाया गया. इसमें भी चारकोल और डस्ट लदा हुआ था. जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि इस कंपनी के मालिक प्रमोद अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, मनोज अग्रवाल उर्फ बीनू और मीनू अग्रवाल हैं. यहां से जांच के बाद पुलिस आर्का लॉजिस्टिक के रेलवे साइडिंग पहुंची.

यहां जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि इस कंपनी के मालिक नारायण अग्रवाल और धर्मेंद्र सिंह उर्फ भोला सिंह हैं. इस साइडिंग से भी अच्छी क्वालिटी के कोयला के नाम पर मिलावटी कोयला रैक से बाहर भेजा जाता है. यहां भी जांच के क्रम में 20-25 हजार टन डंप किया गया कोयला मिला. इसके अलावा साइडिंग की पश्चिम दिशा में करीब 10-12 हजार टन मिलावटी कोयला मिला.

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