ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर. नक्सल प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ में हाइ स्कूल बनेगा या नहीं ? नक्सल प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ में हाइ स्कूल नहीं होने की खबर पांच जुलाई 2020 को प्रभात खबर में छपी थी. खबर छपने के ठीक अगले दिन राज्य के शिक्षा मंत्री रहे जगरनाथ महतो झुमरा पहाड़ पहुंचे और ग्रामीणो के अलावा स्कूल प्रबंधन से मिलकर शिक्षा की स्थिति से अवगत हुए. साथ ही झुमरा पहाड़ में हाइ स्कूल का संचालन को लेकर बल देने में जुड़ गये.
बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते
बताया जाता है कि शिक्षा मंत्री वह पढ़ाई कर रहे बच्चों से बात करके बहुत ही ज्यादा खुश हुए थे. पचमो पंचायत के नक्सल प्रभावित झुमरा पहाड़ में बच्चों की पढ़ाई का स्रोत मात्र एक मध्य विद्यालय है. यही कारण है कि बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते है. ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई मध्य विद्यालय तक ही सीमित रह जाती है. ऐसे में इसपर प्रभात खबर की ओर से एक खबर प्रकाशित की जाती है कि झुमरा पहाड़ में हाई स्कूल ना होने की वजह से करीब दस गांव के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जा रहे है.
लॉकडाउन के बावजूद गए थे जगरनाथ महतो
खबर पढ़कर शिक्षा मंत्री काफी आहत हुए और संज्ञान लेते हुए दौरा किया. साथ ही कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हाइ स्कूल ना हो तो नक्सल कैसे समाप्त होगा. आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही सामाजिक व्यवस्था में सुधार हो सकता है. साथ ही 7 जुलाई, 2020 को जब देशभर में कोरोना का लहर चल रहा था, झारखंड में लॉकडाउन लगा था. वो उसी हालत में झुमरा पहाड़ चले गये और स्कूली शिक्षा से अवगत हुए. वो झुमरा पहाड़ में लगभग दो से तीन घंटे तक रहे और पहली बार झुमरा पहाड़ जाने पर वहां के प्रकृतिक हवा देख काफी खुश हो गये थे.
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निधन की खबर से दुखी है ग्रामीण
उन्होंने कहा कि प्रकृति ने झुमरा पहाड़ में बहुत कुछ दिया है. साथ ही कहा था कि पर्यटन के क्षेत्र में इसे विकसीत करने की बात झारखंड सरकार के पास रखेंगे. ऐसे में अचानक मंत्री जगरनाथ महतो की निधन की खबर सूनकर झुमरा पहाड़ के निवासी काफी दुखी हैं. अब वहां के ग्रामीण ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि झुमरा पहाड स्थित गांव मे मिडिल स्कूल को प्रोन्नति कर हाइ स्कूल का दर्जा मिले ताकि क्षेत्र के स्कूली बच्चे हाइस्कूल की शिक्षा प्राप्त कर सके. अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि झुमरा पहाड में उच्च शिक्षा कबतक पहुंच पाती है.