Jharkhand Jobs: Bokaro Steel Plant में रोजगार के बढ़ेंगे अवसर, 10 हजार स्थायी कर्मियों की होगी बहाली

बोकारो स्टील प्लांट में रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं. करीब दस हजार स्थायी कर्मियों की बहाली होगी, वहीं जरूरत पड़ने पर ठेका मजदूरों को भी काम पर लगाया जाएगा. ये बातें बीएसएल के प्रभारी निदेशक अमरेंद्र प्रकाश ने पत्रकारों से बात करते हुए कही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2022 6:44 AM
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Jharkhand Jobs: सेल (SAIL) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड मुनाफा अर्जित किया है. इस मुनाफे में बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) का अहम योगदान रहा है. वर्ष 2030-31 तक सेल ने पहले चरण में 35 और दूसरे चरण में 50 मिलियन टन उत्पादन क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है. सेल की वर्तमान में उत्पादन क्षमता 20 मिलियन टन है. वहीं, बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) ने 2030-31 तक पहले चरण में 10 और दूसरे चरण में 15 मिलियन टन उत्पादन क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है. बीएसएल के पहले चरण में 10 मिलियन टन का प्लांट बनाने के लिए 25000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसमें लगभग 10,000 स्थायी कर्मियों की बहाली होगी, वहीं करीब 8000 ठेका कर्मियों को भी काम के अवसर दिये जाएंगे. वित्तीय वर्ष 2023-24 में विस्तार का काम धरातल पर दिखने लगेगा. ये बातें बीएसएल के प्रभारी निदेशक अमरेंद्र प्रकाश ने पत्रकारों से कही है.

बियाडा के उद्यमी अच्छी क्वालिटी के साथ उचित मूल्य पर समय पर सामान की करें आपूर्ति

श्री प्रकाश ने कहा कि बियाडा के उद्यमी अच्छी क्वालिटी के साथ उचित मूल्य पर समय पर सामान की आपूर्ति करें, तो बीएसएल को उनसे सामान लेने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. उद्यमी आगे आएं, बीएसएल उनसे सामान लेने को तैयार है. इसके लिए बीएसएल की ओर से जो भी सुविधा और मदद उनको चाहिए, वह उपलब्ध कराई जाएगी. कहा कि कोरोना काल में बीएसएल ने झारखंड-बिहार सहित कई राज्यों को रोड और रेल के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर एक मिसाल कायम किया है. इसमें टीम बीएसएल ने एकजुटता का परिचय देते हुए सूझ-बूझ से काम किया. प्लांट में कर्मियों के साथ ठेका मजदूरों के सुरक्षा को लेकर प्रबंधन सजग है. सुरक्षा कार्य संस्कृति को विकसित करने के लिए 2 साल के लिए टाटा की कंपनी को टेंडर दिया गया है. इसको नाम दिया गया है ‘कवच’.

सेक्टरों में बुनियादी सुविधाओं के लिए रोड मैप तैयार

उन्होंने कहा कि बोकारो के सेक्टरों में क्वार्टर, सड़क, बिजली, पानी आदि में सुधार के लिए रोड मैप तैयार कर काम किया जा रहा है. इसमें कुछ काम नजर भी आने लगे हैं. आने वाले समय में इसमें और भी सुधार होगा. बोकारो के 10 सेक्टरों में 30 खेल का मैदान विकसित किया जा रहा है. खेल मैदान के समतलीकरण का काम पूरा हो चुका है. अलग-अलग सेक्टर में स्थानीय सेक्टर वासियों की डिमांड के अनुसार खेल की सुविधा मैदान में उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही उसका संचालन उसी सेक्टर के लोगों द्वारा किया जाएगा. बीएसएल के बंद पड़े स्कूल भवन पर कहा कि एक समय में बीएसएल के 42 स्कूल हुआ करते थे. उस समय कर्मियों की संख्या 50,000 से अधिक थी. तब कोई और स्कूल यहां नहीं थे. आज कर्मियों की संख्या लगभग 10,000 है. प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ी है. दर्जनों स्कूल है.

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सिर्फ दो स्कूलों का ही संचालन प्रबंधन की ओर से किया जाएगा

श्री प्रकाश ने कहा कि बीएसएल की ओर से अभी नौ स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 4500 बच्चे पढ़ रहे हैं. इनके लिए दो स्कूल ही काफी है. शिक्षकों की भी कमी है. बीएसएल के स्कूलों में कर्मियों के मात्र दो फीसदी बच्चे ही पढ़ते हैं, बाकी 98 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत हैं. आने वाले समय में बीएसएल नौ में से सात स्कूल को बंद करेगा, सिर्फ दो ही स्कूलों का ही संचालन प्रबंधन की ओर से किया जाएगा. बोकारो सहित आसपास के बच्चों को शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े, इसके लिए ही प्रबंधन दो स्कूल का संचालन करेगा. फिलहाल, बीएसएल की ओर से संचालित सभी स्कूलों में छात्राओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है. दो स्कूलों का संचालन सीएसआर के तहत किया जा रहा है, जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ किताब कॉपी एवं ड्रेस प्रदान किया जाता है.

डॉक्टर और नर्स सहित बीजीएच की अन्य समस्याओं का जल्द होगा समाधान

श्री प्रकाश ने कहा कि बोकारो जनरल अस्पताल (Bokaro General Hospital-BGH) बोकारो ही नहीं, पूर्वी भारत का एक महत्वपूर्ण अस्पताल है. BGH की समस्याओं को दूर किया जा रहा है. अस्पताल में कुछ मशीनें नयी आ गई है. कुछ मशीनों का आर्डर दिया गया है. डॉक्टर और नर्स की कमी है. इसके लिए लगातार विज्ञापन दिये जा रहे हैं. छोटा शहर होने और कनेक्टिविटी (एयरपोर्ट) नहीं होने के कारण विशेषज्ञ डॉक्टर बोकारो आना नहीं चाहते हैं. स्थायी डॉक्टरों के साथ कॉन्ट्रैक्ट डॉक्टरों का वेजेज भी रिवाइज किया गया है, ताकि डॉक्टरों को रोका जा सके और नये डॉक्टर आ सके. बीजीएच में एम्स की तर्ज पर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इसके तहत डॉक्टर को दिखाने, किसी तरह का टेस्ट कराने, टेस्ट का रिपोर्ट लेने, दवा लेने आदि कामों के लिए कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा, बल्कि ऑनलाइन ही सब कुछ हो जाएगा. अगले छह माह में इसका परिणाम दिखेगा.

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर अभी तक चर्चा ही चल रही है

उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर अभी तक चर्चा ही चल रही है, किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके लिए केंद्र, राज्य और बीएसएल की एक टीम बनी है. टीम ने बोकारो और गढ़वा में जमीन देखी है. टीम यह तय करेगी कि कौन-सी जगह इसके लिए उपयोगी साबित होगी. गढ़वा में बीएसएल का माइंस है, जो अब उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. कहा कि किसी भी संस्था के लिए बेहतर कार्य संस्कृति का होना बहुत जरूरी है. बीएसएल में इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. बहुत जल्द कार्य संस्कृति में अंतर दिखने लगेगा. उन्होंने माना कि बीएसएल की जमीन पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण बढ़ भी रहा है. आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक समस्या के कारण अतिक्रमण होता है. समाधान के लिए टीम काम कर रही है. प्रबंधन प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा रखता है.

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कामों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं

श्री प्रकाश ने कहा कि सड़क, लाइट, क्वार्टर मरम्मत सहित अन्य कामों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. जिस कांट्रेक्टर को सड़क मरम्मत का काम दिया गया है, उसे पांच साल की जिम्मेदारी दी गई है. कहा गया है कि इन पांच साल के अंदर अगर सड़क खराब होती है, तो उस कॉन्टैक्टर को उसकी मरम्मत फिर से करनी होगी. सभी तरह के कामों की जांच के लिए प्लांट के अंदर और बाहर के अधिकारियों को मिलाकर अलग-अलग टीम बनाई गई है. यह टीम समय-समय पर काम की जांच करती है. अगर गुणवत्ता में कमी पायी जाती है. तो उसे फिर से कराया जाता है. कहा कि बहुत जल्द जैविक उद्यान में नये जानवर आएंगे. जैविक उद्यान का कायाकल्प होगा. इसके लिए टीम काम कर रही है. प्रोफेशनल की भी सलाह ली जा रही है. इसका परिणाम आने वाले कुछ दिनों में दिखने लगेगा.

बीएसएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले रिकॉर्ड तोड़े

वित्त वर्ष 2021-22 में सेल के बोकारो स्टील प्लांट की सभी प्रमुख उत्पादन इकाइयों में वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें से अधिकांश विभागों ने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों को पीछे छोड़ते हुए नये वार्षिक और मासिक उत्पादन रिकॉर्ड बनाए. टेक्नो इकोनोमिक पारामीटर्स में कोल, पावर और एनर्जी के उपयोग में भी समग्र रूप से कमी आयी. कोक ओवन से बाई-प्रोडक्ट्स और मार्केटिंग विभाग द्वारा सेकेंडरी उत्पादों के बिक्री में भी नये रिकार्ड बने, जिससे राजस्व प्राप्ति में बेहतरी आयी. वर्ष 2020-21 की इसी अवधि की तुलना में कुछ प्रमुख इकाइयों/उत्पादों में 2021-22 के दौरान वृद्धि दर्ज गई. 2021-22 में कोल केमिकल्स की बिक्री के माध्यम से 201.72 करोड़ रुपये (पिछला सर्वश्रेष्ठ 106.44 करोड़ रुपये 2019-20 में) का एक नया वार्षिक रिकॉर्ड भी बना. कुल मिलाकर बीएसएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1602 करोड़ रुपये मूल्य के सेकेंडरी प्रोडक्ट्स की रिकॉर्ड विक्रय हासिल की, जबकि 2020-21 में यह 1502 करोड़ रुपये थी.

रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो.

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