Loading election data...

गोमिया के पूर्व विधायक माधवलाल सिंह प्रभात खबर से खास बातचीत में बोले, पहले आम जनता चुनाव लड़ने के लिए देती थी पैसे

गोमिया के पूर्व विधायक माधवलाल सिंह से प्रभात खबर ने अब के चुनाव पहले के चुनाव से कैसे अलग हैं, इस मुद्दे पर खास बातचीत की है. वे चार बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं.

By Sameer Oraon | May 11, 2024 5:08 PM
an image

राकेश वर्मा, बेरमो : पूर्व विधायक माधवलाल सिंह गोमिया से चार बार विधायक रहे. वे एकीकृत बिहार और झारखंड के विधानसभा में अपनी बेबाक टिप्पणी, सादगी और गरीब-गुरबों के प्रति सेवाभाव को लेकर बेहद चर्चित रहते थे. सबसे बड़ी बात ये है कि उस वक्त उन्हें चुनाव लड़ने के लिए आम जनता पैसे देती थी और उनके लिए प्रचार भी करती थी. आज भले ही वह किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन आज भी वह लोगों के बीच ही रहते हैं. माधवलाल सिंह से प्रभात खबर ने तब के होने वाले चुनाव और वर्तमान चुनाव में क्या अंतर आ गया है, उसे लेकर खास बातचीत की. पढ़ें उनसे बातचीत के प्रमुख अंश.

कौन हैं माधवलाल सिंह

माधवलाल सिंह ने पहली बार वर्ष 1985 में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता, फिर वर्ष 1990, 2000 व 2009 में विधायक बने. जब झारखंड बिहार का हिस्सा था, उस वक्त वे बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री के अलावा श्रम नियोजन मंत्री बने. वर्ष 2000 में जब झारखंड अलग हुआ तब वह राज्य सरकार में परिवहन मंत्री भी बने. इसी दौरान माधवलाल सिंह को झारखंड धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष का भी भार भी दिया गया.

तब पैदल घूम कर मांगते थे समर्थन

अपने दौर को यादकर माधवलाल सिंह कहते हैं कि आज चुनाव का तरीका बदल गया है. पहले पूंजीपति कम होते थे. हर घर से लोग पैदल घूमते और वोट मांगते थे. कहीं भात-दाल मिला, तो कहीं कुछ भी नहीं खाया. अब तो पहले खाने की व्यवस्था होती है, तब जनसंपर्क या कोई और अभियान चलता है.

तब चुनाव लड़ने के लिए लोग पैसे देते थे, अब लड़ने वाले देते हैं

माधवलाल सिंह ने आगे कहा कि हम जनता के पैसे से चुनाव लड़ते थे. चार बार विधायक बने, लेकिन खुद के पैसों की जरूरत नहीं पड़ी. उस वक्त नॉमिनेशन फीस भी 250 रुपये थी. यह पैसा नामांकन में साथ जा रहे लोग ही जमा कर देते थे. आज धन बल का चलन है. तब लोग चुनाव लड़ने के लिए पैसे देते थे, अब खुद नेता देते हैं. प्रचार के दौरान भी आरोप-प्रत्यारोप नहीं चलता था. आज ईमानदारी की बात नहीं होती. उन्होंने कहा कि सभी की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए. झारखंड का और विकास होना चाहिए. इसके लिए ईमानदार कोशिश होनी चाहिए.

Also Read: सेवा भारती बोकारो महानगर के कार्यकर्ताओं की बैठक

जब विधानसभा में कहा था बेटे- बेटियों की कसम खाने को

माधवलाल सिंह ने कहा कि मैंने झारखंड विधानसभा में कहा था कि सभी लोग अपने-अपने बेटे- बेटियों की कसम खायें कि हम इस राज्य को स्वर्ग बनायेंगे. लेकिन आज की परस्थिति को देखकर लगता है कि अभी हमें राज्य हित में और काम करने की जरूरत है. इसके लिए सभी को आगे आना होगा.

Exit mobile version