बोकारो, नागेश्वर : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड में नक्सल प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ गांव की तस्वीर अब बदल गई है. गांव में नक्सली घटनाओं में कमी आने से शांति, अमन और चैन बहाल हो गयी है. लेकिन तलहटी क्षेत्र में नक्सली वारदात बढ़ने से प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती हो गयी है. जबकि झुमरा पहाड़ राज्य में ही नहीं बल्कि देश के मानचित्र में नक्सल प्रभावित माना जाता रहा है. विगत 10 वर्षो से एक भी नक्सली घटना झुमरा पहाड़ क्षेत्र में नहीं घटी है. जिसमें प्रशासनिक दक्षता को श्रेय दिया जा सकता है. झुमरा पहाड़ और लुगू पहाड़ के तलहटी क्षेत्रों में जिला प्रशासन के द्वारा विकास के कार्यो मे पुल, पुलिया, पथ, पेयजल स्वच्छता पर करोड़ों रुपये के कार्य चलने से नक्सलियों की नजर लेवी पर है और कभी भी घटनाओं का अंजाम देकर दहशत फैलाने और अपनी पैठ बनाने में जुड़ा है.
बता दें कि झुमरा पहाड़ 45 किलोमीटर की रेडियस मे फैला हुआ है. जिसमें दर्जनों गांव है, इन गांवों में नक्सलियों का पैठ कायम है पर अब दिन प्रतिदिन इन गांवों में दहशत तो रहती है पर आम जन जीवन काफी सामान्य हो गया है. नक्सली घटना की कमी होने से क्षेत्र के ग्रामीण काफी शांति महसूस कर रहे हैं और निर्भिक होकर अपने दैनिक कार्यो में जुड़े रहते हैं. झुमरा पहाड़ आदि क्षेत्रों में जिला प्रशासन और प्रखंड के द्वारा विकास में गति दी गयी है.
रहावन से झुमरा पहाड तक लगभग 18 करोड़ की लागत से पथ बनने से ही विकास का मार्ग प्रसस्त होने लगा है, उसी समय से नक्सल पर प्रसासनिक अंकुश लगने लगा. कइ घटनायें घटी पर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी.
झुमरा पहाड़ काफी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से सबसे पहले 2005़-2006 मे सुरक्षा के लिये सीआरपीएफ कैंप का स्थापति किया गया था ताकि आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा पर प्रशासनिक पहल हो. सीआरपीएफ कैंप केदला, रहवान, चतरोचटी, कोनार डैम, जमनीजरा में स्थापित होने से भी नक्सल पर अंकुश लगने मे बल मिला. पुलिस और सीआरपीएफ दोनों प्रशासनिक बल समन्य स्थापित कर क्षेत्र को नक्सल मुक्त अभियान में जुडा है.
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पूर्व काग्रेसी केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश गत सत्र 2013 में झुमरा आये थे और झुमरा पहाड़ का अवलोकन के बाद विकास को गति मिली थी. झारखंड के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह के द्वारा केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश को पत्र प्रेसित कर झुमरा पहाड़ आने का न्योता दिया था. रमेश झुमरा पहाड़ का दौरा करने पर यहां के प्रकृति सौन्दर्य और जलवायू देख काफी प्रभावित हुये थे.
ग्रामीण यह भी कहते है कि झुमरा पहाड़ आदि क्षेत्रों के विकास में कहीं ना कहीं नक्सलियों का भी योगदान रहा है. नक्सली क्षेत्र में नहीं आते तो शायद इस गति से विकास नहीं हो पाता. झुमरा पहाड़ में स्थिति दिन प्रतिदिन बदलाव हुआ है. रहावन से झुमरा, तिसकोपी, अमन तक सड़कों का निर्माण होना विकास के लिये बडी बात है.