झारखंड में 39 % लोग खाते हैं तंबाकू, अब लड़कियों को भी लुभा रहीं कंपनियां, बोले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
भारत सरकार के ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार भारत में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 8.5 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं, जबकि झारखंड में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 5.1 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं.
Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तंबाकू कंपनियां अपना व्यापार बढ़ाने के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. वे अब लड़कों के साथ-साथ लड़कियों में भी इसका प्रचलन बढ़ाने की ओर कार्य कर रही हैं. यदि महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं, तो उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होगा ही, आने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा. तंबाकू के इस्तेमाल से मुक्ति के लिए उनके बीच जागरूकता फैलाकर और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करा कर रोकथाम किया जा सकता है. वे राज्य तम्बाकू नियंत्रण कोषांग एवं सीड्स द्वारा रांची के नामकुम में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. श्री गुप्ता ने बताया कि झारखंड में तम्बाकू इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 50.1 प्रतिशत से घटकर 38.9 प्रतिशत हो गया है, लेकिन यह आंकड़ा अभी भी देश के आंकड़े 28.6 प्रतिशत से काफी अधिक है.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार के ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार भारत में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 8.5 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं, जबकि झारखंड में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 5.1 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं. उन्होंने कहा कि कोटपा, 2003 के प्रावधानों को लागू करने का मुख्य उद्देश्य कम उम्र के युवाओं एवं छात्र/छात्राओं को तम्बाकू उत्पाद की पहुंच से रोकना है. इसके लिए कोटपा का शत प्रतिशत अनुपालन किया जाना चाहिए. श्री गुप्ता ने कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों को झारखंड विधान सभा में कोटपा संशोधन बिल 2021 की तर्ज पर केन्द्रीय कोटपा कानून में संशोधन करने का भी अनुरोध किया.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार तम्बाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिये प्रतिबद्ध है. सरकार ने इसके लिए विधानसभा में बिल भी पारित किया है, जिसमें तम्बाकू के इस्तेमाल एवं इसके व्यवसाय में संलग्न लोगों के लिए न्यूनतम उम्र की सीमा को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष का प्रावधान किया गया है. सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर तम्बाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया ही है, साथ ही साथ स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान, कोर्ट आदि के 100 मीटर दायरे में इसके बेचने व इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. राज्य सरकार ने एक नयी पहल भी की है कि सरकारी संस्थाओं में नए ज्वाइनिंग करने वाले लोगों द्वारा यह घोषणा करवायी जा रही है कि वह तंबाकू का इस्तेमाल भविष्य में नहीं करेंगे.
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बन्ना गुप्ता ने कहा कि छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई के साथ-साथ बड़े व्यवसायी जो तंबाकू निर्माण का काम कर रहे हैं, उन पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है. झारखंड में सरकार द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल में रोक लगाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि राज्य में तम्बाकू इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 50.1 प्रतिशत से घटकर 38.9 प्रतिशत हो गया है, लेकिन यह आंकड़ा अभी भी देश के आंकड़े 28.6 प्रतिशत से काफी अधिक है. इस ओर हम सब को सम्मिलित रूप से कार्यप्रणाली बनाकर कार्य करते हुए इसे और कम करने का प्रयास करना है.
सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक कुमार मिश्रा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य में तम्बाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग, राज्य स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति एवं सीड्स द्वारा सम्मिलित प्रयास से किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया. इस अवसर पर उन्होंने राज्य में तम्बाकू इस्तेमाल करने वालों के आंकड़े बताये. इन्हें रोकने के लिये सरकार के COTPA-2003 एक्ट, JJ एक्ट, फूड सेफ्टी एक्ट, वेंडर लाइसेंसिंग प्रोविजन आदि के बारे में जानकारी दी. मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर अभियान निदेशक विद्यानन्द शर्मा, दी यूनियन के वरीय तकनीकी सलाहकार डॉ अमित यादव, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत सिंह, राज्य एनसीडी कोषांग के नोडल पदाधिकारी डॉ ललित रंजन पाठक, राज्य सलाहकार राजीव कुमार एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार के उप सचिव पुलकेश कुमार, डॉ रंगासामी नागराजन, पूजा गुप्ता उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra