बोकारो/चास : झारखंड के बोकारो जिला में स्थित बोकारो स्टील प्लांट के फ्लाइ ऐश की ट्रांसपोर्टिंग से महुआर सहित कई गांवों में वायु प्रदूषण फैलता है. ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत उपायुक्त मुकेश कुमार से की थी. इस समस्या के समाधान के लिए अनुमंडल पदाधिकारी चास शशि प्रकाश सिंह ने शनिवार (11 जुलाई, 2020) को बोकारो स्टील प्लांट और बीपीएससीएल के अधिकारियों के साथ अपने कार्यालय में बैठक की. बैठक में प्रभावित गांवों के लोग भी शामिल हुए. झारखंड से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
चास के अनुमंडल पदाधिकारी शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि फ्लाइ ऐश का निस्तारण करने वाले ठेकेदार, वाहन या डंपर डस्ट या छाई ढोने वाले वाहनों को तिरपाल से पूरी तरह से ढका जाना चाहिए. इसकी व्यवस्था बीएसएल प्रबंधन करे. साथ ही समय-समय पर इस मार्ग पर बीएसएल प्रबंधन द्वारा लगातार पानी का छिड़काव कराया जाना चाहिए, ताकि डस्ट या छाई गांवों में न फैले.
एसडीओ ने ग्रामीणों के प्रतिनिधियों से कहा कि पांड के आसपास के ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण का अधिक प्रसार नहीं हो, इसका वे भी ध्यान रखें. कहा कि ऐसा कोई भी वाहन उस मार्ग पर नहीं चलेगा, जो तिरपाल से ढका न हो. ऐसा नहीं होने पर वे प्रशासन को सूचना दें, दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनके स्वास्थ्य तथा अन्य जरूरतों का जिला प्रशासन ख्याल रख रही है और उनकी सहूलियत के लिए लगातार काम कर रही है
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अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि धनबाद के राजगंज में एनएचएआइ का काम चल रहा है. वहां फ्लाई ऐश की आवश्यकता है. केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार, एनएचएआइ को फ्लाइ ऐश उपलब्ध कराना जरूरी है. साथ ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान भी जरूरी है. उन्होंने बताया कि फ्लाइ ऐश की ट्रांसपोर्टिंग का मार्ग बदलने पर भी विचार किया गया.
एसडीओ ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट और बीपीएससीएल के अधिकारी 10 दिन के भीतर वैकल्पिक मार्ग की तलाश कर लें, ताकि ग्रामीणों की समस्या का समाधान भी हो जाये और एनएचएआइ को निर्बाध रूप से फ्लाइ ऐश की आपूर्ति भी होती रहे. उन्होंने कहा कि 10 दिन बाद फिर बैठक एक बैठक होगी, जिसमें सभी पक्ष यह बतायेंगे कि समस्या का समाधान हुआ या नहीं.
उल्लेखनीय है कि उपायुक्त मुकेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चास के अनुमंडल पदाधिकारी शशि प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन कर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान जिला प्रशासन के स्तर से किया जा सके. कमेटी में जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा बीएसएल प्रबंधन के सदस्य एवं ग्रामीणों को भी शामिल किया गया था.
Posted By : Mithilesh Jha