Jharkhand News (बेरमो, बोकारो) : बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो कोयलांचल स्थित CCL के ढोरी एरिया ने विजयादशमी (दशहरा) के दिन सबसे अधिक तीन रेलवे रैक कोयला देश के पावर प्लांटों में डिस्पैच किया. CCL सीएमडी पीएम प्रसाद के निर्देश पर CCL के डीविजन -2 के ढोरी एरिया ने दशहरा के दिन रैक भेजने में रिकार्ड बनाया.
CCL के डीविजन-2 के तहत ढोरी एरिया अंतर्गत तारमी साइडिंग से दशहरा के दिन दोपहर 12.20 बजे, ढोरी प्लेटफार्म-2 से 13.25 बजे तथा सीपी साइडिंग गिरिडीह से 12.40 बजे रेलवे रैक लोड कर पावर प्लाटों को भेजा गया. इस दौरान रैक लोडिंग कार्य में लगे एरिया के टीपर ऑपरेटर्स को दशहरा के दिन रैक लोडिंग कार्य में योगदान देने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधन की ओर से लजीज भोजन की भी व्यवस्था की गयी थी.
दशहरा के दिन 15 अक्टूबर को CCL ने कुल 25 रेलवे रैक कोयला देश के पावर प्लाटों में भेजा. जिसमें आम्रपाली चंद्रगुप्त-6, मगध-संघमित्रा-7, पिपरवार-3, एनके-1, रजहरा-शून्य, बरका-सयाल-1, अरगड्डा- शून्य, कुजू- शून्य, हजारीबाग-1, रजरप्पा-1, बीएंडके- शून्य, ढोरी- 3 व कथारा- 2 शामिल है.
15 अक्टूबर को CCL ने कुल 1,22,664 लाख टन कोयले का उत्पादन तथा 1,82,775 लाख घन मीटर टन ओबी का निस्तारण किया. इसमें ढोरी एरिया ने 15 अक्टूबर को 8,103 टन कोयला उत्पादन किया. इस बात की जानकारी CCL ढोरी एरिया के महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान दी.
जीएम श्री अग्रवाल ने कहा कि ढोरी एरिया को चालू वित्तीय वर्ष में 31 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन एरिया को 41 लाख टन उत्पादन हर हाल में करना है. चालू वित्तीय वर्ष के 15 अक्टूबर तक एरिया ने 16,52,575 लाख टन कोल प्रोडक्शन कर लिया है. वहीं, चालू वित्तीय वर्ष के 15 अक्टूबर तक 41,67,163 लाख घन मीटर टन ओबी का निस्तारण तथा कुल 31,86,713 लाख टन कोल डिस्पैच किया गया. जीएम ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के एक अप्रैल से 15 अक्टूबर तक ढोरी एरिया ने कुल 496 रेलवे रैक कोयला डिस्पैच किया है.
जीएम श्री अग्रवाल ने बताया कि एरिया अंतर्गत AAODCM के 39 हेक्टयर भूमि का स्टेज-1 और 2 क्लीयर होने के बाद आगामी 10 दिनों के अंदर वन विभाग CCL को जमीन हैंड ओवर कर देगा. जिसके बाद तेजी से कोल प्रोडक्शन व ओबी निस्तारण का काम शुरू होगा. यहां से आउटसोर्स के तहत पांच साल में 92 लाख टन कोयला तथा 115 लाख घन मीटर टन ओबी का रिमूवल आउटसोर्स कंपनी को करना है. सालाना यहां से एरिया को 18-19 लाख टन कोयला मिलेगा.
वहीं, डिपार्टमेंटल भी यहां से सालाना 11-12 लाख टन कोयला उत्पादन किया जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष के समापन तक AAODCM का सालाना 5 मिलियन (50 लाख) टन का प्रोजेक्ट रिर्पोट फाइनल हो जायेगा. फिलहाल, AAODCM से सालाना 3 मिलियन (30 लाख) टन का पर्यावरण क्लीयरेंस है. बाद में यहां से सालाना 5 मिलियन तथा अधिकत्तम साढे 6 मिलियन टन तक कोयला उत्पादन होगा.
जीएम ने बताया कि एरिया अंतर्गत SDOCM में 69 हेक्टेयर भूमि पर ओबी निस्तारण का काम चल रहा है. यहा से एक साल में 88 लाख घन मीटर टन ओबी निस्तारण करना है जिसमें से रोजाना अभी 24 हजार घन मीटर ओबी निस्तारण किया जा रहा है. यहां से 7-8 लाख टन कोयला एक साल में प्राप्त होगा. इसके बाद लोवर सीम के ईसी के लिए आवेदन दिया जायेगा. यहां के सीम 3 एवं सीम 5 में 25 लाख टन कोयला है. इसके अलावा अंबाकोचा के 12 हेक्टेयर भूमि से 35 लाख टन कोयला मिलेगा. उन्होंने कहा कि बंद पिछरी खदान को चालू करने की दिशा में भी तेज गति से काम चल रहा है. एरिया के विस्तार व उत्थान में श्रमिक संगठन से जुडे प्रतिनिधि, विस्थापित, ग्रामीण सभी का अपेक्षित सहयोग मिल रहा है.
मालूम हो कि CCL के डीविजन-1 में आम्रपाली-चंद्रगुप्त, मगध-संघमित्रा, पिपरवार, एनके, रजहरा, बकरा-सयाल तथा अरगड्डा के कुल 7 एरिया आता है, जबकि CCL के डीविजन-2 में कुजू, हजारीबाग, रजरप्पा, बीएंडके, ढोरी व कथारा के कुल 6 एरिया आता है.
Posted By : Samir Ranjan.