Jharkhand News : पेट्रोल-डीजल की कीमत घटी, लेकिन महंगाई पर कब लगेगा ब्रेक, जानकारों की ये है राय
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर घटायी गयी एक्साइज ड्यूटी की घोषणा के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, गोवा, त्रिपुरा, कर्नाटक, गुजरात सहित कई राज्यों में ईंधन पर वैट कम करने की घोषणा की गयी है. झारखंड सरकार को भी इस दिशा में शीघ्र फैसला लेना चाहिए़
Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड में डीजल की कीमत में 12.23 रुपये और पेट्रोल की कीमत में 6.15 रुपये की कमी हुई है. इससे लोगों में उम्मीद जगी है कि अब महंगाई से कुछ राहत मिलेगी़ बस, ऑटो और मालवाहक वाहनों के किराये में जल्द ही कमी आयेगी. इसके साथ ही जरूरतमंद चीजें भी सस्ती होंगी, लेकिन बाजार के जानकारों का कहना है कि अभी राहत के लिए इंतजार करना होगा़ यात्रा भाड़ा, मालवाहक वाहनों का किराया और खाद्य पदार्थों के मूल्य में फिलहाल कोई कमी नहीं होगी.
डीजल की कीमत में 12.23 रुपये की कमी होने से यात्री और मालवाहक वाहनों के किराये की दर में कमी की मांग उठने लगी है. झारखंड बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह का कहना है कि बस वालों की स्थिति पहले से ही खराब है. कोरोना के कारण अब तक स्थिति पहले जैसी नहीं हुई है. कोरोना की शुरुआत से ही सरकार ने बस भाड़ा में बढ़ोत्तरी करने नहीं दिया. घाटे में 60 फीसदी वाहन खड़े रहे. जो वाहन चले, उन्हें भी नुकसान हुआ. राज्य सरकार ने अंतिम बार वर्ष 2008 में बस किराये में वृद्धि की थी. उस समय से अब तक डीजल की कीमत में कई गुणा की वृद्धि हो गयी. ऐसे में बस किराये में कमी संभव नहीं है. साथ ही आगे डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी नहीं होगी, यह भी निश्चित नहीं है.
रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील सिंह चौहान ने कहा कि पहले यह तो तय हो कि डीजल की कीमत में जो कमी आयी है, वह कब तक प्रभावी रहेगी. फिर से तेल कंपनियां 25 पैसे, 33 पैसे की दर से डीजल की मूल्य में वृद्धि नहीं करेंगी. इसलिए अभी माल ढुलाई के भाड़े में कमी पर कुछ भी कहना सही नहीं है.
झारखंड चेंबर के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सीधा असर महंगाई पर पड़ता है. इससे आम लोग कई तरह से प्रभावित होते हैं. जिन लोगों के अपने निजी वाहन हैं, उनके मासिक बजट पर असर होता है. पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट भी बढ़ जाती है. इसके अलावा जो कंपनियां लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हैं, वह किराये में बढ़ोत्तरी कर देती हैं. किराये के बढ़ने का सीधा असर खाने-पीने के सामानों पर पड़ता है. रोजाना देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ट्रकों से ट्रांसपोर्ट किया जाता है. ऐसे में कीमतों के कम होने के बाद महंगाई में भी कमी का अनुमान है. कीमतें घटने से किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. जल्द ही रबी फसल की बुआई होने वाली है. हालांकि, एक्साइज ड्यूटी घटने से सभी चीजें तुरंत सस्ती नहीं होंगी. आगे भी कीमत में यही ट्रेंड जारी रहा, तभी सकारात्मक असर दिखेगा. अच्छी बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर घटायी गयी एक्साइज ड्यूटी की घोषणा के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, गोवा, त्रिपुरा, कर्नाटक, गुजरात सहित कई राज्यों में ईंधन पर वैट कम करने की घोषणा की गयी है. झारखंड सरकार को भी इस दिशा में शीघ्र फैसला लेना चाहिए़.
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झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सोनी ने कहा कि डीजल की कीमत में करीब 12 रुपये की कमी हुई है, तो यात्री किराये में भी कमी होनी चाहिए, लेकिन कमी कितनी होगी इस पर बैठक में निर्णय लिया जायेगा. 12 नवंबर को रांची में बैठक कर नया किराया, ऑटो चालकों की वर्दी और हर ऑटो में किराया चार्ट के विषय पर निर्णय लिया जायेगा.
पेट्रोल और डीजल की कीमत कम होने के बाद हर किसी को इंतजार है कि बाजार में बिक रही जरूरत की चीजों की दर में कमी आयेगी. हालांकि, इससे जुड़े जानकारों का कहना है कि कीमतें कम होने का असर तत्काल नहीं दिखता है. डीजल की कीमतें इसी प्रकार स्थिर रहती है या इससे कम होती है, तो आमलोगों को राहत मिल सकती है.
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झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि डीजल की कीमतें कम या स्थिर रहती है, तो आने वाले दिनों में सामानों की कीमतें कम हो सकती हैं. जब कंपनियों का ट्रांजिट कॉस्ट और उत्पादन लागत कम होगा, तभी कीमतें कम होगी. इसमें दो से तीन माह का समय लग जायेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra