झामुमो चाहता, तो 1991 में ही बन जाता झारखंड, हेमंत सरकार ने हर वर्ग को दिया धोखा : बोकारो विधायक
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झामुमो चाहता, तो 1991 में ही झारखंड राज्य का निर्माण हो जाता, लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं होने दिया.
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झामुमो चाहता, तो 1991 में ही झारखंड राज्य का निर्माण हो जाता, लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं होने दिया. झारखंड राज्य निर्माण का श्रेय भाजपा को ही जाता है. पूर्व पीएम स्व अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जनअकांक्षा के अनुरूप राज्य निर्माण किया. हेमंत सरकार ने हर वर्ग को धोखा दिया है. शनिवार को श्री नारायण सेक्टर 01 स्थित आवासीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. श्री नारायण ने राज्य की झामुमो नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल की कमियों को गिनाया.
राज्य सरकार हर मोर्च पर विफल
श्री नारायण ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्च पर विफल है. हेमंत सोरेन की नेतृत्व वाले सरकार के चार वर्ष वादाखिलाफी, भय, भ्रष्टाचार, आतंक, महिला अत्याचार व लूट की उपलब्धियों से भरा हुआ है. हेमंत जी ने कहा था कि सरकार बनी तो प्रत्येक वर्ष पांच लाख नौकरी अन्यथा राजनीति से संन्यास, लेकिन इस मोर्चे पर वह बुरी तरह विफल हुए. चार साल में मात्र छह हजार सरकारी नियुक्ति की गयी. इनमें से भी लगभग पांच हजार रघुवर दास की सरकार में हुए विभिन्न परीक्षाओं में सफल छात्र ही है. हेमंत सोरेन ने स्नातक बेरोजगार को पांच हजार व स्नाकोत्तर को सात हजार रुपये देने की बात कही थी, परंतु मिला नील बट्टा सन्नाटा.
अपने वादे को भूली हेमंत सरकार
श्री नारायण ने कहा कि हेमंत सरकार ने संविदा कर्मियों व अनुबंध कर्मियों को चरणबद्ध तरीका से नियमित करते हुए आउटसोर्सिंग की प्रथा खत्म करने की बात कही थी, परंतु यह मात्र चुनावी लॉलीपॉप साबित हुआ. गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 2000 चूल्हा खर्च की बात कह कर सत्ता में आकर उसे भूल बैठे. चार साल में 1271 वनपट्टा ही मिल पाया. जबकि एक लाख से अधिक आवेदन अभी भी लंबित है. पिंड्राजोरा में एक आदिवासी ने जमीन पर कब्जे का विरोध किया तो सिपाही ने उसे पीट कर मार डाला. संताल परगाना में बांग्लादेशी घुसपैठ व इसाई मिशनरियां हेमंत सोरेन के आर्शीवाद से आदिवासी समाज को ठग कर उनकी संस्कृति को खत्म करने का काम कर रही है.
अपराध का बढ़ा ग्राफ
श्री नारायण ने कहा कि डॉक्टरों व व्यवसायियों से माफिया जेल से ही गुंडा टैक्स मांग रहे है. चार वर्ष के कार्यकाल में महिलाओं व बच्चियों के प्रति अत्याचार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. दुष्कर्म के 14,162 मामले दर्ज हुए. इनमें 8000 मामले ऐसे हुए ,जिसमें तय समय सीमा में अनुसंधान पूरा नहीं किया जा सका. दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िताएं न्याय के इंतजार में मर रही है, जबकि अभियुक्त बेल पर खुलेआम घूम रहे है.
ये थे मौजूद
मौके पर कार्यसमिति सदस्य रोहितलाल सिंह, शशिभूषण ओझा, संजय त्यागी, अशोक कुमार पप्पु, माथुर मंडन, महेंद्र राय, केके बोराल, सुजीत चक्रवर्ती व अन्य मौजूद थे.