SAIL के रिकार्ड मुनाफा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा झारखंड का बोकारो स्टील प्लांट
बोकारो स्टील प्लांट सेल के रिकार्ड मुनाफा में अहम् भूमिका निभा रहा है. सेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड मुनाफा अर्जित किया है. इस मुनाफे में बोकारो स्टील प्लांट का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सेल की सभी इकाई में बीएसएल लगातार कैश कलेक्शन में अव्वल रह रहा है.
सुनील तिवारी, बोकारो
Bokaro Bsl News: बोकारो स्टील प्लांट सेल के रिकार्ड मुनाफा में अहम् भूमिका निभा रहा है. सेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड मुनाफा अर्जित किया है. इस मुनाफे में बोकारो स्टील प्लांट का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सेल की सभी इकाई में बीएसएल लगातार कैश कलेक्शन में अव्वल रह रहा है. बीएसएल की तकदीर बदल रही है. बोकारो की तसवीर भी बदलेगी. मतलब, बीएसएल के साथ-साथ बोकारो भी अपने पुराने गौरव को हासिल करने की ओर अग्रसर है. बीएसएल के प्रोडक्ट की मांग बाजार में बढ़ी है. यही कारण है कि आज सेल की इकाईयों में बीएसएल सिरमौर बना हुआ है.
वित्त वर्ष 2021-22 में हुआ रिकॉर्ड उत्पादन
वित्त वर्ष 2021-22 में सेल के बोकारो स्टील प्लांट की सभी प्रमुख उत्पादन इकाइयों में वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें से अधिकांश विभागों ने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों को पीछे छोड़ते हुए नये वार्षिक और मासिक उत्पादन रिकॉर्ड बनाए. टेक्नो इकोनोमिक पारामीटर्स में कोल, पावर और एनर्जी के उपयोग में भी समग्र रूप से कमी आयी. कोक ओवन से बाई-प्रोडक्ट्स और मार्केटिंग विभाग द्वारा सेकेंडरी उत्पादों के बिक्री में भी नये रिकार्ड बने, जिससे राजस्व प्राप्ति में बेहतरी आयी. वर्ष 2020-21 की इसी अवधि की तुलना में कुछ प्रमुख इकाइयों/उत्पादों में 2021-21 की इसी अवधि की तुलना में कुछ प्रमुख इकाइयों/उत्पादों में 2021-22 के दौरान वृद्धि दर्ज गई.
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1602 करोड़ रुपये मूल्य के सेकेंडरी प्रोडक्ट्स की रिकॉर्ड विक्रय हासिल
2021-22 में कोल केमिकल्स की बिक्री के माध्यम से 201.72 करोड़ रुपये (पिछला सर्वश्रेष्ठ 106.44 करोड़ रुपये 2019-20 में) का एक नया वार्षिक रिकॉर्ड भी बना. कुल मिलाकर बीएसएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1602 करोड़ रुपये मूल्य के सेकेंडरी प्रोडक्ट्स की रिकॉर्ड विक्रय हासिल की, जबकि 2020-21 में यह 1502 करोड़ रुपये थी. मतलब, बीएसएल उत्पादन व उत्पादकता के मामले में सेल की सभी इकाईयों में अभी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. बीएसएल की स्थित अब वह नहीं रही, जो दो-तीन साल पहले हो गयी थी. बीएसएल अपने स्वर्णिम अतीत की ओर अग्रसर है.
2030-31 तक पहले चरण में 10 मिलियन टन उत्पादन क्षमता का लक्ष्य
बीएसएल ने 2030-31 तक पहले चरण में 10 और दूसरे चरण में 15 मिलियन टन उत्पादन क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है. पहले चरण में 10 मिलियन टन का प्लांट बनाने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसमें लगभग 10,000 स्थायी कर्मियों की बहाली होगी, वहीं करीब 8000 ठेका कर्मियों को भी काम के अवसर दिये जाएंगे. वित्तीय वर्ष 2023-24 में विस्तार का काम धरातल पर दिखने लगेगा. बीएसएल ने कोरोना काल में झारखंड-बिहार सहित कई राज्यों को रोड और रेल के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर एक मिसाल कायम किया है.