बोकारो : कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जारी लॉक डाउन के कारण उद्योग जगत की चेन टूटने लगी है. बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) की सप्लाई चेन माने जाने वाले जियाडा क्षेत्र के उद्योगों का हाल लॉक डाउन में बिगड़ रहा है. जियाड़ा में 300 से अधिक आैद्योगिक इकाईयां बोकारो में हैं, इनमें से लगभग 150 से अधिक इकाइयां बंद हैं. इससे हर दिन दो करोड़ रुपया से अधिक का कारोबार (ट्रांजेक्शन) प्रभावित हो रहा है. हालात और खराब होने का अनुमान उद्योगपति लगा रहे हैं.
एमएसएमइ की स्थिति ऐसी कि लॉक डाउन के बाद भी उबरने में पांच-छह माह से अधिक वक्त लगेगा. क्या कहते हैं विशेषज्ञ13 बोक 06 – संजय बैद, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, बोकारो जियाडा की औद्योगिक इकाइयों की स्थिति में छह माह में सुधार हो जाये, तो बेहतर माना जायेगा. कच्चा माल की आपूर्ति से संबंधित ट्रांसपोर्ट लाइन सुधरने में एक माह से अधिक का समय लगेगा. विभिन्न सेक्टरों (जहां से कच्चा माल आता है) में मजदूर अपने-अपने घर चले गये हैं. उनके काम में वापस जाने में कितना समय लगेगा, इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है.
इसके अलावा भी कई सेगमेंट को अप-टू-डेट होने में महीनों का समय लगेगा.13 बोक 07 – राजेंद्र विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स, बोकारोकेंद्र व राज्य सरकार को एमएसएमइ उद्योगों के लिए गहन अध्ययन करने व उनके अस्तित्व के लिए अच्छी नीतियां लाना होगा. सभी तरह के टैक्स में छूट के साथ बिजली बिल में छूट दिया जाना चाहिए. बोकारो स्टील प्लांट में सहायक कंपनियों को जारी आदेश की डिलिवरी अवधि तीन महीने के लिए संशोधित किया जाना चाहिए. कार्य भार जो बाहर की प्राथमिकताओं में हो रहा है, उन्हें यहां के एमएसएमइ सेक्टर को दिया जाना चाहिए. हर प्रतिष्ठान को इस लॉक डाउन में नुकसान हो रहा है. इसे ध्यान में रख कर सरकार को नियम बनाना चाहिए.