Jivitputrika Vrat 2022 : जिवितपुत्रिका व्रत 18 सितंबर को, 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद पारण, सजी दुकानें
Jivitputrika Vrat 2022: जितिया का व्रत 18 सितंबर को है. व्रत का पारण 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद होगा. जितिया संतान के स्वस्थ जीवन व लंबी आयु की कामना का व्रत है. इसमें मातायें निर्जला व्रत रखती हैं. श्रद्धा व विश्वास के साथ जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं.
Jivitputrika Vrat 2022: जितिया का व्रत 18 सितंबर को है. व्रत का पारण 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद होगा. जितिया संतान के स्वस्थ जीवन व लंबी आयु की कामना का व्रत है. इसमें मातायें निर्जला व्रत रखती हैं. श्रद्धा व विश्वास के साथ जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं. दुंदीबाग बाजार, सेक्टर पांच हटिया सहित बोकारो-चास में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर जितिया गुंथने की दुकान सज गयी है. उधर, श्रीराम मंदिर सेक्टर वन में 18 सितंबर को जितिया व्रत की कथा रात्रि आठ बजे से शुरू होगी. इसके लिये मंदिर की ओर से व्यवस्था की गयी है.
शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रही है, जो 05 अक्टूबर तक चलेगी. शारदीय नवरात्र 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगा. एक अक्तूबर को विल्वाभिमंत्रण होगा. दो अक्तूबर को पत्रिका प्रवेश, मूर्ति पूजन व रात्रि में महानिशा पूजा होगी. 05 अक्टूबर को दशहरा है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ शक्तिशाली स्वरूपों की पूजा होगी. मान्यता है कि नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. घर-परिवार में सुख व समृद्धि आती है.
पितृपक्ष 10 सितंबर को पूर्णिमा के श्राद्ध के शुरू हुआ है. 25 सितंबर को अमावस्या के श्राद्ध के साथ संपन्न होगा. उसी दिन पितृ विर्सजन होगा. पितृपक्ष अपने पूर्वजों को याद करने, उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखने व तर्पण करने का समय होता है. इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. अभी पितृपक्ष चल रहा है. ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को दिया गया भोजन व तर्पण उनको जरूर पहुंचता है. पितर अर्पण को स्वीकार कर परिजन को आशीर्वाद देते है. इसलिये परिजन भी श्रद्धा के साथ पितरों का तर्पण करते है.
ज्योतिषाचार्य पंडित शिव कुमार शास्त्री बताते हैं कि जिवितपुत्रिका व्रत 18 सितंबर को रखा जायेगा. व्रत का पारण 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद होगा. कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू होगा. दुर्गा अष्टमी 03 अक्टूबर को है. महानवमी का व्रत 04 अक्टूबर को होगा. हवनादि, कन्यापूजन उसी दिन होगा. नवरात्र का पारण 05 अक्टूबर को होगा. उसी दिन विजयादशमी होगा. इधर, अभी पितृपक्ष चल रहा है. अमावस्या का श्राद्ध 25 सितंबर को है.
जिवितपुत्रिका व्रत : 18.09.22
व्रत का पारण : 19.09.22 (सूर्योदय के बाद)
पितृ पक्ष श्राद्ध कार्यक्रम
18.09.22 – अष्टमी का श्राद्ध
19.09.22 – नवमी का श्राद्ध
20.09.22 – दशमी का श्राद्ध
21.09.22 – एकादशी का श्राद्ध
22.09.22 – द्वादशी का श्राद्ध
23.09.22 – तृयोदशी का श्राद्ध
24.09.22 – चतुर्दशी का श्राद्ध
25.09.22 – अमावस्या का श्राद्ध
शारदीय नवरात्र पूजन कार्यक्रम
26 सितंबर : प्रतिपदा तिथि, कलश स्थापना
27 सितंबर : द्वितीया तिथि
28 सितंबर : तृतीया तिथि
29 सितंबर : चतुर्थी तिथि
30 सितंबर : पंचमी तिथि
01 अक्टूबर : षष्ठी तिथि
02 अक्टूबर : सप्तमी तिथि
03 अक्टूबर : दुर्गा अष्टमी
04 अक्टूबर : महानवमी
05 अक्टूबर : दशमी तिथि (दशहरा)
रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो