BOKARO NEWS : बेरमो सीट पर झामुमो को नहीं मिली एक बार भी सफलता

BOKARO NEWS : बेरमो विधानसभा सीट पर लगातार झामुमो भाग्य आजमाता रहा है, लेकिन कभी भी सफलता नहीं मिली.

By Prabhat Khabar News Desk | October 18, 2024 10:56 PM
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राकेश वर्मा, बेरमो : बेरमो विधानसभा सीट पर वर्ष 1980 से 2000 तक लगातार झामुमो भी भाग्य आजमाता रहा है, लेकिन कभी भी सफलता नहीं मिली. कांग्रेस, भाजपा व भाकपा के गढ़ वाले इस मजदूर बहुल सीट पर झामुमो को हमेशा इन तीनों प्रमुख दलों के बाद ही स्थान मिला. झामुमो को सबसे अधिक 16390 वोट वर्ष 1995 के चुनाव में मिला था. इस चुनाव में लालू सोरेन (झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई) प्रत्याशी थी. झामुमो ने बेरमो सीट पर पहली बार वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस के केपी सिंह व भाजपा के रामदास सिंह के समक्ष आरआर टोप्पो को चुनाव मैदान में उतारा. वह तीसरे स्थान पर रहे तथा 11677 (18.61 फीसदी) मत मिले. वर्ष 1985 के चुनाव में हिमांशु कुमार को मैदान में उतारा, लेकिन वह 5102 (6.9 फीसदी) मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर रहे. 1990 के चुनाव में एक बार फिर लालू सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा. उन्हें भी 12507 (11.59 फीसदी) मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा. 1995 के चुनाव में झामुमो सोरेन गुट तथा झामुमो मार्डी गुट ने अलग-अलग प्रत्याशी उतारा. झामुमो साेरेन गुट की ओर से लालू सोरेन और झामुमो मार्डी गुट की ओर खाडेराम मुर्मू प्रत्याशी बनाये गये. लालू सोरेन तीसरे स्थान पर रहे तथा उन्हें 16390 (11.85 फीसदी) मत मिले. खाडेराम मुर्मू को 6704 (4.85 फीसदी) मत मिले थे. यानी झामुमो के दोनों गुटों को मिला कर 22 हजार से ज्यादा मत मिले थे, जो भाजपा प्रत्याशी को मिले वोट से करीब छह हजार ज्यादा थे. वर्ष 2000 के चुनाव में झामुमो ने फूलचंद सोरेन को टिकट दिया. उन्हें 14341 (12.04 फीसदी) मत मिले और चौथे स्थान पर रहे. 2005 और 2019 के चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण झामुमो ने प्रत्याशी नहीं दिया था.

वर्ष 2009 के चुनाव में बेरमो सीट से झामुमो का टिकट हरिश्चंद्र मरांडी को दिया गया था. बाद में किसी मामले में उनके जेल चले जाने के बाद झामुमो ने काशीनाथ सिंह को पार्टी प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव में उन्हें 14855 मत मिले थे तथा चौथे स्थान पर रहे थे. वर्ष 2014 के चुनाव में झामुमो पूर्व जिला सचिव बेनीलाल महतो को प्रत्याशी बनाना, लेकिन श्री महतो द्वारा इंकार किये जाने के बाद हीरालाल मांझी को टिकट दिया गया था. इस चुनाव में श्री मांझी को 11543 मत मिला था तथा चौथे स्थान पर रहे थे.

शिवा महतो बेरमो से निर्दलीय लड़ चुके हैं 1977 का चुनाव

डुमरी से झामुमो के टिकट पर तीन बार विधायक का चुनाव जीतने वाले शिवा महतो ने वर्ष 1977 में बतौर निर्दलीय बेरमो सीट से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस के बिंदेश्वरी दुबे और जनता पार्टी के मिथिलेश सिन्हा मैदान में थे. मिथिलेश सिन्हा को 23731, बिंदेश्वरी दुबे को 11822 और शिवा महतो को 3728 वोट मिले थे.

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