बोकारो. बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल में हुई जूनियर अधिकारी-2022 की परीक्षा और उसका परिणाम शुरू से ही संदेह के घेरे में रहा है. सनद रहे अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति के लिए बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल के लगभग 11000 मजदूर लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे. परीक्षा का परिणाम 19 दिसंबर 2022 को जारी किया गया, पर विवाद के कारण मात्र तीन दिन बाद 22 दिसंबर 2022 को परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया. इससे संबंधित एक सर्कुलर सेल प्रबंधन द्वारा जारी किया गया था. इसमें बताया गया कि परीक्षा में काफी अनियमितता हुई है. जांच की बात भी हुई, पर अब तक इस अनियमितता के लिए किसी को दोषी नहीं करार दिया जा सका है. अब सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद यह मामला एक बार फिर गर्म है. लोगों का सवाल है कि आखिर दोषी क्यों नहीं चिह्नित किया जा सका, जबकि इस प्रकरण में लेन-देन की बात साफ हो रही है. एक सवाल यह भी उठ रहा कि उक्त परीक्षा में कई निष्पक्ष कर्मी भी शामिल थे, उनको परीक्षा रद्द करने के कारण जो परेशानी हुई, उसकी भरपाई कौन करेगा.
परीक्षा केंद्र शहर से दूर बनाना भी सवालों के घेरे में
जूनियर अधिकारी-2022 की परीक्षा के दौरान इस बात को लेकर भी खूब चर्चा हुई थी कि बीएसएल के अपने संसाधन होने के बावजूद परीक्षा केंद्र शहर से करीब 20 से 25 किलोमीटर दूर बनाने का क्या मकसद था. परीक्षा केंद्र पर परीक्षा संचालक कौन थे, कार्मिक विभाग की भूमिका क्या थी. प्रश्न पत्र कितने सेट में बना था. प्रश्नपत्र तैयार किसने किया था. दरअसल, मूल्यांकन के तरीके पर शुरू से ही आपत्ति दर्ज होती रही है. लिखित परीक्षा को कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया गया था, जिसका विरोध वर्ष 2008 से ही हो रहा है. जानकारों का कहना है कि ऐसी परीक्षा पर सवाल शुरू से होता रहा है.जो थे संदेह के दायरे में, वो भी हो गये थे पास
भ्रष्टाचार के आरोप में वर्ष 2022 में हुई परीक्षा के बाद रिजल्ट रद्द कर दिया गया था, लेकिन विजिलेंस की इंक्वायरी के बाद क्या हुआ, यह अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया. संदेह के दायरे में जो उम्मीदवार थे व जिनकी जांच की गयी, उनको भी पास कर दिया गया था. इसको लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है.प्लांट के साथ शहर के चौक-चौराहे पर चर्चा
06 नवंबर 2022 को हुई परीक्षा में सभी कर्मचारियों के लिए दो घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन 18 मार्च 2023 को दिव्यांग उम्मीदवारों को 2:30 घंटे का समय दिया गया. इसी तरह वर्ष 2023 में हुई परीक्षा के रिजल्ट में 1:3 के अनुसार 348 उम्मीदवारों को इंटरव्यू में बुलाना था. पर बोकारो स्टील प्लांट में मात्र 215 को ही बुलाया गया था. उस समय मांग हुई थी कि जेओ 2022 के पास उम्मीदवारों का भी इंटरव्यू करा कर फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाये. अब जब मामला सीबीआइ के हवाले है तो चर्चा का बाजार गर्म है. खबर छपने के बाद गुरुवार को प्लांट से लेकर शहर तक तक केवल इसी बात की चर्चा थी.ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन ने निदेशक कार्मिक-सेल को लिखा था पत्र
जूनियर अधिकारी-2022 की परीक्षा व परिणाम को लेकर एटक से संबंद्ध ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन ने निदेशक कार्मिक-सेल को उस समय पत्र भी लिखा था. फेडरेशन के महामंत्री डी आदिनारायण ने अपने पत्र में कहा था कि वर्ष 2022 में पास उम्मीदवारों को भी इंटरव्यू के लिए फाइनल रिजल्ट के पहले बुलाया जाये, ताकि प्लांट में एक अच्छा वातावरण बने और कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़े. पत्र की प्रतिलिपि इस्पात मंत्री, इस्पात सचिव व सेल अध्यक्ष को भी भेजी गयी थी.
सिवनडीह में छापेमारी की होती रही चर्चा
सीबीआइ की टीम के सिवनडीह में छापेमारी की चर्चा बोकारो में दिन भर होती रही. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद गुरुवार को सिवनडीह के लोग एक दूसरे से इस संबंध में जानकारी लेते दिखे. पूरे मामले को लेकर बोकारो में अब कोई किसी से इस मुद्दे पर खुल कर बोलने से इनकार कर रहा है.यूनियन ने की है लगातार शिकायत
जूनियर अधिकारी परीक्षा-2022 में धांधली के संबंध में यूनियन की ओर से विभिन्न मंच के माध्यम से लिखित व मौखिक शिकायत लगातार की गयी है. इस्पात मंत्री से लेकर सेल अध्यक्ष तक को समय-समय पर पत्र लिखा जाता रहा है. यूनियन की मांग है कि तथ्यों की जांच कर जो भी अधिकारी या एजेंसी दोषी हैं, उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाये, ताकि ऐसी गलती दोबारा करने की कोई भी हिम्मत नहीं कर सके.रामाश्रय प्रसाद सिंह, महामंत्री-बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है