रथ यात्रा को ले निकली कलश यात्रा, अज्ञातवास में गये भगवान
चार नंबर रथ मंदिर में छह दशक से हो रहा है आयोजन
प्रतिनिधि, गांधीनगर.
चार नंबर रथ मंदिर पूजा समिति की ओर से शनिवार को श्री श्री जगन्नाथ महाप्रभु रथ यात्रा मेला एवं पूजन महोत्सव को लेकर कलश यात्रा निकाली गयी. मंदिर परिसर से गाजे-बाजे के साथ निकली कलश यात्रा जारंगडीह रेलवे स्टेशन होते हुए जारंगडीह बनासो मंदिर के समीप कोनार नदी के तट पर पहुंचीं. यहां पुजारी केशव चरण दास एवं संतोष पांडे ने विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करायी. सभी कलशों में जल भर कर श्रद्धालु पुन: मंदिर पहुंचे. इसके बाद विधि पूजन और देव स्नान अनुष्ठान हुए और संध्या आरती के बाद जगन्नाथ महाप्रभु ,भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ 15 दिनों तक के अज्ञातवास पर चले गये. छह जुलाई को नेत्र बंधन, संध्या में बेदी पूजन होगा. सात जुलाई की सुबह हवन, कीर्तन, आरती के साथ प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजमान होंगे. रथ को पांच कदम खींचकर मंदिर परिसर में ही खड़ा किया जायेगा. आठ जुलाई को संध्या में प्रभु जगन्नाथ भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा द्वारा अपनी मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे. 15 जुलाई को भगवान पुन: अपने चार नंबर रथ मंदिर में विराजमान होंगे. पूजा कमेटी के अध्यक्ष भगत बारिक, सचिन चमन ताती, उपाध्यक्ष जगदीश तांती, कोषाध्यक्ष बलराम तांती ने बताया कि छह दशक से अधिक समय से यहां भगवान जगन्नाथ की पूजा हो रही है. काफी संख्या में यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं. मौके पर पंसस दीपक कुमार गोप, परमानंद तांती, सुनील कुमार शर्मा, बलराम तांती, मिथुन तांती, अभय बारिक, अजय कुमार, आकाश कुमार, घनश्याम बागरा, चंद्रशेखर, गजेंद्र शर्मा, दीपक सेनापति, मधुसूदन कनर, दिलीप नाग, प्रताप तांती, निमित्त नाग, महेंद्र, सारत कुमार, सुशांत,भगत बारीक, चमन भोई, विगन तांती, बिंदु देवी, सुशीला देवी, अनु देवी, उमा देवी, संगीता देवी, पिंकी देवी ,कल्पना देवी, काजल देवी, राजश्री देवी, यशोदा देवी, तिलोत्तमा देवी, अमीरा देवी, कमला देवी, राखी देवी, भारती देवी, सुषमा देवी, वीणा देवी सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे.उत्कल समाज पूजा कमेटी दूसरी बार कर रही आयोजन :
इधर, चार नंबर लाल ग्राउंड के समीप उत्कल समाज पूजा समिति द्वारा दूसरी बार रथ यात्रा मेला एवं पूजन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यहां से निकली कलश यात्रा जरीडीह चार नंबर मोड़, जरीडीह बाजार होते हुए दामोदर नाथ मंदिर के समीप दामोदर नदी के तट पर पहुंची. पुजारी भानु प्रताप दुबे ने विधि पूर्वक सभी कलशों में जल भरवाया. इसके बाद कलश यात्रा वापस लौटी. विधि विधान से आरती संध्या में पूजा के बाद भगवान 15 दिनों के अज्ञातवास में चले गये. आठ जुलाई को भगवान की रथयात्रा संडे बाजार मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगी. मौके पर अध्यक्ष वरुण तांती, हेमंत ताती, दीप्ति राय, कुलेश्वर तांती, वासुदेव सेनापति, मनोज सेनापति, मुकेश सेनापति, तीजा सेनापति सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है