Bokaro News : कारो ओसीपी : आउटसोर्सिंग पैच-ए से कोयला खनन के लिए टेंडर फाइनल
Bokaro News : सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र अंतर्गत कारो परियोजना अंतर्गत क्वायरी-टू परियोजना में ओबी निस्तारण व कोयला खनन को लेकर टेंडर फाइनल हो गया है.
राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र अंतर्गत कारो परियोजना अंतर्गत क्वायरी-टू परियोजना में ओबी निस्तारण व कोयला खनन को लेकर सीसीएल मुख्यालय गंभीर है. आउटसोर्सिंग पैच-ए से कोयला खनन व ओबी निस्तारण के लिए दिसंबर 2024 में टेंडर फाइनल हो गया है. 13.41 फीसदी कम पर दिव्या कॉनकॉस्ट एंड कंस्ट्रक्शन्स प्रालि को 321 करोड़ रुपये (18 फीसदी जीएसटी अलग से ) में यह काम आवंटित हुआ है. उक्त कंपनी को चार साल में 130.79 (करीब 13 मिलियन ) घन मीटर टन ओबी निस्तारण और 241.68 (करीब 24 मिलियन टन) टन कोयला का उत्पादन करना है. प्रबंधन के अनुसार शुरुआत में यहां से सालाना 3.5 मिलियन टन कोयला खनन किया जायेगा. यहां लगभग 60 मिलियन टन कोयला है. यह पूरा एरिया फोरेस्ट लैंड है. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ,भारत सरकार से इसका स्टेज वन व स्टेज- दो का क्लीयरेंस मिल गया है. आने वाले समय में कारो परियोजना से सालाना 11 से 15 मिलियन टन तक कोयला उत्पादन किये जाने का पर्यावरण क्लीयरेंस मिला हुआ है. जानकारी के अनुसार कारो ओसीपी के क्वायरी नंबर-वन की कारो बस्ती से फिलहाल कोयला खनन व ओबी निस्तारण का कार्य किया जा रहा है.
सीसीएल प्रबंधन को करने होंगे कई काम
सीसीएल प्रबंधन को अभी कई तरह के कार्य करना है. इसके बाद ही यहां से ओबी निस्तारण तथा कोयला खनन का कार्य शुरू होगा. अभी प्रबंधन को डीएफओ से वन विभाग की जमीन हैंड ओवर लेना होगा. इसके बाद वन विभाग की जमीन से ट्री फेलिंग (पेड़ गिराने) का परमिशन लेना होगा. इसके बाद वन विभाग के गिरिडीह स्थित स्टोर से खनन स्थल से जितना पेड़ कटेगा उतना पेड़ स्टोर में जमा करने का परमिशन लेना होगा. इसके बाद कोल इंडिया की सीएमपीडीआइ से ओरिजिनल ग्राउंड लेबल (ओजीएल) लेकर पूरे एरिया का सर्वे कराना होगा. प्रबंधन सूत्रों की माने तो फिलहाल ट्री फेलिंग का काम दो पार्ट में किया जायेगा.
अभी कई प्रक्रिया बाकी है. जल्द ही यहां से कोयला खनन का काम शुरू किये जाने का प्रयास होगा.एसके सिन्हा, परियोजना पदाधिकारी, कारो ओसीपी
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