कसमार. कसमार थाना क्षेत्र के गर्री निवासी खैरात अली के पुत्र शाहिद अफरीदी उर्फ अली (22 वर्ष) की मौत बुधवार की रात हैदराबाद में संदेहास्पद स्थिति में हो गयी. जिस कंपनी में वह काम करता था, उसके प्रबंधक ने परिजनों को यह बताकर एम्बुलेंस से शव को गांव भेज दिया कि अली की मौत हृदयगति रुकने के कारण हो गयी है. लेकिन शुक्रवार की दोपहर पहुंचने के बाद जब परिजनों एवं गांव वालों ने शव की हालत देखी तो आक्रोश फैल गया. शव के चेहरे समेत कई अंगों पर खून के धब्बे के निशान थे, चेहरा पूरी तरह से विकृत हो गया था. परिजनों ने आरोप लगाया कि शाहिद की हत्या की गयी है, लेकिन मामले को छुपाया गया और घरवालों को गलत सूचना देकर शव एम्बुलेंस से भेज दिया गया.
मामले की जानकारी मिलने के बाद कसमार अंजुमन कमेटी के सदर शेरे आलम मृतक के घर पहुंचे तथा मामले की सूचना झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को दी. श्री प्रसाद शुक्रवार की दोपहर गर्री पहुंचे और मृतक के परिजनों से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने शाहिद जिस कंपनी में पोकलेन ऑपरेटर के रूप में कार्य करता था, उसके मालिक से फोन पर बात की. काफी देर तक वार्ता के बाद दो लाख रुपये मुआवजा भेजने की सहमति बनी. इसके बाद शाम को गर्री के कब्रिस्तान में मृतक के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया.इकलौता कमाऊ सदस्य था शाहिद
शाहिद दो भाइयों में बड़ा और घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था. उसके छोटे भाई की उम्र आठ वर्ष है. परिवार के भरणपोषण की जिम्मेदारी शाहिद उठा रहा था. लेकिन उसकी मौत से पूरे परिवार एवं गर्री में मातम पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने कहा कि पुत्र की असामयिक मौत से घर-परिवार में दुखों पहाड़ टूट पड़ा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है