कसमार की मधु बनीं दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर
उपलब्धि से कसमार क्षेत्र के लोग गौरवान्वित, बढ़ाया मान
दीपक सवाल, कसमार, कसमार प्रखंड अंतर्गत बगदा पंचायत के रघुनाथपुर निवासी सुंदर करमाली की पुत्री मधु कुमारी (26 वर्ष) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में स्थायी सहायक प्रोफेसर (ग्रुप ए, राजपत्रित श्रेणी वन, अधिकारी) के रूप में नियुक्त होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इस कॉलेज में बोकारो जिले की किसी युवती को पहली बार सहायक प्रोफेसर बनने का मौका मिला है. इस उपलब्धि से उनके परिजनों समेत पूरे क्षेत्र में खुशियां व्याप्त है. मधु के पिता सुंदर करमाली बोकारो में रेलवे में कार्यरत हैं. जबकि मां शांति देवी गृहिणी है. इससे पहले मधु को 2021- 2022 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज (एनसीवेब सेंटर) में असिस्टेंट प्रोफेसर (गेस्ट फैकल्टी) के रूप में तथा 2022 में दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज (एनसीवेब सेंटर) में असिस्टेंट प्रोफेसर (गेस्ट फैकल्टी) के रूप में काम करने का अवसर मिला था.
प्रारंभ से मेधावी छात्रा रही है मधु
मधु प्रारंभ से मेधावी छात्रा रही है. उन्होंने बताया कि मैट्रिक की पढ़ाई 2013 में केंद्रीय विद्यालय नंबर 3, बोकारो स्टील सिटी से प्रथम श्रेणी में पूरी की थी. उसके बाद 2015 में होली क्रॉस स्कूल, बालीडीह से वाणिज्य में प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट पूरा किया और बिजनेस स्टडीज में विषय टॉपर के रूप में भी सम्मानित हुई. 2018 में सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से वाणिज्य (अकाउंट्स ऑनर्स) में स्नातक की डिग्री प्रथम श्रेणी में पूरी की और उस दौरान जीएसटी में डिप्लोमा भी किया. यह कॉलेज द्वारा प्रदान किया गया अलग कोर्स था. इसके बाद 2018 में रांची से एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) के साथ साझेदारी में प्रमाणित औद्योगिक लेखाकार पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया. 2019 में एमकॉम करने के बाद कॉमर्स में यूजीसी नेट पास किया, जबकि 2020 में दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से कॉमर्स (प्रमुख विषय – मार्केटिंग, लघु विषय- लॉ) में मास्टर्स पूरा किया. इसी कड़ी में 2020 में कॉमर्स में यूजीसी नेट और जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) सफलतापूर्वक पास की. 2020 में ही दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के कॉमर्स विभाग से मार्केटिंग में पीएचडी में प्रवेश लिया तथा 2021 में मैनेजमेंट विषय में भी यूजीसी नेट पास की.
माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
मधु ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों व पीएचडी पर्यवेक्षक डॉ हरलीन कौर (एसोसिएट प्रोफेसर, माता सुंदरी कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली विश्वविद्यालय) के अलावा अपनी कड़ी मेहनत को दिया है. कहा कि उन्होंने साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान निरंतर प्रेरित और मार्गदर्शन किया. मधु ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. कड़ी मेहनत से ही कोई सफलता का मुकाम हासिल कर सकता है.
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