Bokaro News: कसमार प्रखंड के मंजूरा स्थित सपाहीटांड़ मैदान में रविवार को कुड़माली भाखि-चारि आखड़ा (केबीसीए) की त्रैमासिक केंद्रीय कोर कमेटी का सेमिनार हुआ. अध्यक्षता कुड़मी समाज के हड़कमियां तरणी बानुहड़ ने की. सेमिनार में विभिन्न प्रखंडों से पंहुचे कुड़मी समाज के हड़कमियों ने अपने-अपने गांव-घर एवं क्षेत्र में कुड़मालि नेगाचारि के अनुपालन एवं विस्तार को लेकर समीक्षात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसके अलावा नेगाचारी बढ़ाने की रणनीति एवं आंदोलन पर विचार-विमर्श किया गया. कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने को लेकर कुड़मी समाज के प्रत्येक घरों में नेगाचारि अपनाने तथा एसटी सूची में शामिल करने को लेकर आंदोलन को लगातार जारी रखने का संकल्प लिया गया. संचालन पंकज हिंदआर ने किया. इस दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सह गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो एवं गोमिया विधायक लंबोदर महतो भी शामिल हुए और केबीसीए के आंदोलन को समर्थन देने की बात कही.
इस अवसर पर कुड़माली के प्रसिद्ध लोक शिल्पी कवि गोविंद लाल महातो हसतुआर ने सोहराय गीत, ‘चाइचर गीत तथा लालजी महतो हिंदइआर’ एवं पारबति हिंदइआर ने टुसू का महत्व बताते हुए गीतों की प्रस्तुति दी. सेमिनार में केबीसीए के महादेव डुंगरिआर, दीपक पुनरिआर, अरविंद सांखुआर, प्रह्लाद प्रवीण केसरिया, मुरलीधर जालबानुआर, भागीरथ बंसरिआर, हीरालाल केसरिआर, मिथलेश केटिआर, सहदेव झारखंडी, शैलेश केसरिआर, संजय पुनरिआर, सदानंद गुलिआर, सोनू , सुभाष, बालेश्वर समाज के सैकड़ों लोग शामिल थे.कुड़मी हित के लिए लड़ता रहा हूं, लड़ता रहूंगा : लंबोदर
इधर, सेमिनार में भाग लेने के बाद डॉ लंबोदर महतो ने एक बयान जारी कर कहा कि वह कुड़मी हित में लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे. कहा कि इस आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए चाहे जिस स्तर की लड़ाई लड़नी पड़े, वह पीछे नहीं हटेंगे. कहा की कुड़मी जाति को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए वह सदन के अंदर और बाहर लगातार आवाज उठाते रहे हैं. सरकार को चाहिए की कुड़मी को अविलंब एसटी का दर्जा दे, ताकि कुड़मियों को उनका हक अधिकार वापस मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है