चास. चास गुरुद्वारा साहिब में पांच दिवसीय गुरमत प्रचार कैंप का समापन मंगलवार को हुआ. कैंप में कुल 55 बच्चों ने भाग लिया, जिसमें पांच साल से 22 साल तक के विद्यार्थी शामिल थे. इस कैंप में गुरुओं की जीवनी, गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी के विचार और उनके बताए मार्ग में कैसे चले इसकी शिक्षा दी गयी. गुरु गोविंद सिंह स्टडी सर्किल आसनसोल से आये गुरविंदर सिंह और उनके सहयोगी, हरविंदर सिंह, गुरुदेव सिंह, जितेंद्र सिंह द्वारा बच्चों को गुरुमुखी शिक्षा प्रदान की गयी. समापन समारोह में तख्त श्री पटना साहिब के सेक्रेटरी सरदार इंद्रजीत सिंह भी शामिल हुए. चास गुरुद्वारा साहिब में पुरस्कार वितरण के साथ गुरमत प्रचार कैंप का समापन हुआ. मौके पर चास गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जसमीत सिंह सोढ़ी, हरपाल सिंह, मनदीप सिंह, सतनाम सिंह, रवींद्र सिंह, अमरजीत कौर, रजवंत कौर सहित अन्य उपस्थित थे.
भारतीय संस्कृति अध्यात्म केंद्रित : रागमयानंद अवधूत
बोकारो. आनंद नगर में पांच दिवसीय शिक्षा प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन मंगलवार को आचार्य रागमयानंद अवधूत ने ‘अध्यात्म के बिना शिक्षा अधूरी’ विषय पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारत व पड़ोसी देशों से आए प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति अध्यात्म केंद्रित है, लेकिन लगभग 20 हजार वर्ष पुरानी इस सभ्यता को पाश्चात्य भोगवादी अपसंस्कृति के आक्रमण ने नष्ट कर दिया. कहा कि आधुनिक तथाकथित शिक्षा व्यवस्था की जगह आनंदमार्ग की नव्य- मानवतावादी ईश्वर केंद्रित शिक्षा पद्धति की आवश्यकता है. कहा कि मानव समाज को आर्थिक शोषण के सूक्ष्म तरीके अपनाकर युवा व बच्चों को गुमराह किया जा रहा है. हर एक मनुष्य को शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को दंड नहीं बल्कि उनका संशोधन करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपराध किया है तो उसका दंड उसे मिलेगा. पर उसे भूखे रहकर मार डालना मानवता विरोधी कार्य होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है