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BOKARO NEWS : छठी मैया की भक्ति में डूबा कोयलांचल

BOKARO NEWS : छठी मैया की भक्ति में कोयलांचल डूबा. बुधवार को खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए व्रतियों की घर भीड़ उमड़ी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2024 10:12 PM

बेरमो. कांच ही बांस के बहंगिया…, के करेलू छठ बरतियां…, जोड़े-जोड़े सुपवा मईया तोरे चढ़इबो ना…. जैसे गीतों से माहौल छठमय हो गया है. चारों और भक्ति व आस्था की बयार बह रही है. घर-परिवार के हर लोग छठ पूजा की तैयारी में मग्न हैं. घर से लेकर घाट और बाजार तक छठ महापर्व की रौनक है. चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतियों ने स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से खरना का प्रसाद बनाया. आम की लकड़ी पर अरवा चावल व गुड़ का प्रसाद बना. पूजा के बाद व्रतियों ने इस प्रसाद को ग्रहण किया. इसके बाद घर-परिवार के सदस्यों व आसपास के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. मान्यता है कि व्रतियों द्वारा खरना प्रसाद ग्रहण करते समय पूजा स्थल में एक खर की भी आवाज नहीं होनी चाहिए. गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जायेगा.

आज घाटों पर व्रतियां करेंगी कोशी भराई :

बिहार में गंगा पार की व्रतियों द्वारा कोशी भराई की रस्म भी की जाती है. मन्नत पूरी होने पर या किसी तरह की खुशहाली प्राप्त होने पर छठ व्रतियां अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर आकर ईख तान कर गमछा से बांध कर व डाला रखकर कोशी भरती हैं. महिलाएं छठ के गीत गाती हैं. रात में घर से सदस्य ईख व डाला लेकर छठ घाट जाते हैं और दीप जलाकर पानी में प्रवाहित करते हैं.

व्रतियों के लिए किये गये हैं कई इंतजाम :

फुसरो स्थित दामोदर नदी घाट, जरीडीह बाजार, कथारा, तेनुघार तेनुघाट, चंद्रपुरा, नावाडीह, बोकारो थर्मल, तेनुघाट, गोमिया सहित अन्य स्थानों के घाटों में व्रतियों की सुविधा के लिए सामाजिक संगठनों, क्लबों व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा दूध, दतवन, चाय, नारियल, फूल, फल, आम की लकड़ी आदि की व्यवस्था की गयी है.

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