बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) सहित सेल की इकाइयों में वीआरएस-2020 एक जुलाई से लागू होगी. पहले से ही मैन पावर की कमी की समस्या से जूझ रहे बीएसएल के लिए इस स्कीम का क्या असर होगा, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा. कभी बीएसएल में अधिकारियों और कर्मियों की संख्या 60 हजार से भी अिधक थी. अभी बीएसएल में 10 हजार से भी कम है. लगभग 10 हजार ठेका मजदूर भी कार्यरत हैं. इधर, प्रत्येक माह 150-200 कर्मी रिटायर हो रहे हैं. लंबे अरसे से नयी बहाली भी नहीं हुई है. ऐसे में वीआरएस के कारण मैन पावर में अधिक कमी आयी तो बीएसएल के उत्पादन व उत्पादकता पर इसका असर निश्चित रूप से पड़ेगा.
इन्हें नहीं दिया जायेगा वीआरएस का लाभ : आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण योजना के तहत काम कर रहे कर्मियों को वीआरएस-2020 का लाभ नहीं दिया जायेगा. पिछले पांच साल में क्रेडिट प्वाइंट 40 या इससे अधिक हासिल करने वाले अधिकारियों को भी कंपनी नहीं छोड़ने वाली है. अगर पांच सालों में कंपनी ने किसी कर्मी को विशेष ट्रेनिंग करायी है तो उसका वीआरएस आवेदन खारिज होगा. सेल-बीएसएल के सहयोग से उच्च शिक्षा और नेशनल अवार्ड जीतने वाले भी कंपनी में बने रहेंगे. उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मी वीआरएस के लिए आवेदन करेंगे तो संभव है कि प्रबंधन उसे खारिज कर दे.
इन श्रेणियों में हैं तो अावेदन अस्वीकृत
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नॉन वर्क्स एरिया और डिपार्टमेंट के कर्मी व विभाग जो चरणबद्ध तरीके से बंद होने हैं या हटाने हैं
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ऐसी यूनिट और डिपार्टमेंट जो नुकसान में चल रहे हैं
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पिछले तीन सालों से औसत उपस्थिति 240 दिन हो
अधिकारियों को पिछले पांच साल में कुल 160 क्रेडिट प्वाइंट होने पर मेडिकल अनफिट और अन्य कारणों से ड्यूटी नहीं कर पाने वाले कर्मी पिछले सात साल से एक ही ग्रेड पर स्थिर रहने वाले कर्मचारी
इन कर्मियों से अभी और काम लिया जायेगा
ब्वायलर ऑपरेटर, अटेंडेंट, माइनिंग फोरमैन, माइनिंग मेट, कोक ओवन बैटरी, आरएमएचपी, सिंटर प्लांट, ब्लास्ट फर्नेस, एसएमएस, मिल व क्रेन ऑपरेशन से जुड़े कर्मी, मेडिकल, टेलीकम्यूनिकेशन, इंस्ट्रूमेंटेशन, कम्प्यूटर, आई, लीगल डिपार्टमेंट, फायर सेफ्टी, सिक्योरिटी, इकोनॉमिस्ट, एविएशन, सीए, सीएमए, सीएस, मेडिकल में कुशल या प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन रखने वाले कर्मी
post by : Pritish Sahay