पानी की कमी के कारण बोकारो थर्मल प्लांट का उत्पादन घटाया
पानी की कमी के कारण बोकारो थर्मल प्लांट का उत्पादन घटाया
बोकारो थर्मल.
बोकारो थर्मल में पिछले दिनों कोनार नदी बैराज के दो गेट के टूटने के कारण नदी में पानी काफी कम हो गया है और इससे स्थानीय लोगों व बीटीपीएस प्रबंधन को परेशानी हो रही है. इंटेक में काफी मात्रा में बालू के जमा होने के कारण पानी नहीं पहुंचने से डीवीसी और निजी कॉलोनियों में शनिवार को दूसरे दिन भी जलापूर्ति नहीं हो सकी. शनिवार को पानी के लिए लोगों की भीड़ चापाकलों में दिखी. दूसरी ओर डीवीसी के पावर प्लांट को चलाने में भी पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. प्लांट में विद्युत उत्पादन 500 मेगावाट से घटा कर 280 मेगावाट कर दिया गया है. इधर, प्रबंधन की ओर से बैराज के टूटे हुए गेट को बदलने का कार्य शनिवार को भी नहीं किया जा सका. इसके कारण कोनार डैम से नदी में छोड़ा जा रहा पानी निकल जा रहा है. इंटेक में पानी पहुंचाने के लिए शनिवार को दो पोकलेन मशीनें लगायी गयी. सिविल के डीजीएम विश्व मोहन गोस्वामी, अभियंता राहुल कुमार, मनोज कुमार की देखरेख में बालू को हटा कर व मेढ़ बना कर नदी का पानी इंटेक में लाने का प्रयास किया जाता रहा.तीन बार टूट चुके हैं बैराज के गेट
बोकारो थर्मल स्थित कोनार नदी पर पावर प्लांट के लिए बने बैराज का गेट अब तक तीन बार टूट चुका है. इसके पूर्व वर्ष 2017 और 2020 में भी गेट टूटा था. उस समय भी कॉलोनियों और प्लांट को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा था. वर्तमान में गेट नंबर 12 व 16 नंबर टूटा है. पूर्व में 6, 9, 11, 14, 15 और 16 नंबर गेट टूटे थे. डीवीसी कर्मियों का कहना था कि बरसात के पूर्व गेट की ग्रिसिंग आदि करायी जाती तो यह समस्या नहीं होती. वर्ष 2020 में आये इसी प्रकार के संकट के समय जैसे-तैसे कार्य किया गया. शनिवार को भी गेट का कार्य नहीं किया जा सका. पानी संकट और ऐश पौंड भरा होने के कारण पावर प्लांट को कम लोड पर चलाया जा रहा है. इंटेक से बालू को हटा कर पानी लाने के लिए कार्य किया जा रहा है, ताकि प्लांट और कॉलोनियों को पानी मिल सके.एस भट्टाचार्य, जीएम, बीटीपीएस
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