बारिश से मधुकरपुर उत्क्रमित उच्च विद्यालय जलमग्न, पढ़ाई बाधित

परिसर व कमरों में घुसा पानी, कई सामग्री हुई बर्बाद, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी समस्या जस की तस है बनी

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2024 11:11 PM

कसमार, कसमार प्रखंड के मधुकरपुर स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय बारिश से जलमग्न हो गया है. गुरुवार को शिक्षक अनूप कुमार पांडेय, स्थानीय समाजसेवी धनंजय स्वर्णकार आदि ने बताया कि बुधवार की रात को हुई बारिश के बाद पूरा विद्यालय जलमग्न हो गया है. परिसर व कमरों में घुटना तक पानी भर जाने के कारण बहुत सारे विद्यार्थी विद्यालय तक नहीं पहुंच सके और पठन-पाठन भी प्रभावित हुआ. कमरे में रखे विद्यालय के डीजी (जनरेटर) में भी पानी घुस गया है. अन्य कई सामग्री भी बर्बाद हुई है. शिक्षकों ने बताया कि बरसात के दिनों में यह आये दिन की समस्या बन कर रह जाती है. कई बार इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों तक बात पहुंचाई गयी, लेकिन यह समस्या जस की तस बनी हुई है. इसके चलते कभी कोई बड़ी घटना भी हो सकती है. बता दें कि यह विद्यालय गांव के अड़बांधा तालाब से बिल्कुल सटा हुआ है. तालाब के अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए कलवर्ट बना हुआ है, लेकिन उसके मुंह पर जाली लगा दिए जाने के कारण पानी की निकासी ठीक से नहीं हो पाती है. इसके परिणामतः बारिश का पानी तालाब में भरने के बाद विद्यालय में प्रवेश कर जाता है.

विद्यालय आवागमन में भी बना रहता है खतरा

इधर, विद्यालय के आवागमन में भी बच्चों के तालाब में डूबने का खतरा बना रहता है. दरअसल, बच्चों को विद्यालय आने-जाने के लिए इस तालाब के लगभग ढाई सौ मीटर मेड़ का उपयोग करना पड़ता है. विद्यालय में कक्षा एक से 10वीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. हर दिन छोटे-छोटे नादान बच्चे उछलते-कूदते विद्यालय आते-जाते हैं. ऐसे में किसी दिन बच्चों के गहरे तालाब में डूबने का खतरा बना रहता है. इसको लेकर अभिभावक हमेशा चिंतित रहते हैं. पहले यह मेड़ बिल्कुल कच्चा था. उससे खतरा अधिक बना हुआ था. अब उसमें पीसीसी सड़क तो अवश्य बनी है, लेकिन खुले तालाब से होकर आने-जाने में एक और खतरा अभी भी बना हुआ है. विद्यालय भी बिल्कुल तालाब के किनारे ही है. कई बार खेलने कूदने के क्रम में बच्चे खुले तालाब के बिल्कुल निकट भी पहुंच जाते हैं. श्री स्वर्णकार ने कहा कि हर दिन अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. उन्होंने कहा कि तालाब के मेड़ के दोनों ओर हरिहर नायक उर्फ़ सुभाष नायक के घर से लेकर विद्यालय गेट तक लोहे की जाली लगाकर सुरक्षा बढ़ायी जा सकती है.

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