कई खिलाड़ियों ने अपने खेल से किया बेरमो का नाम रौशन
कई खिलाड़ियों ने अपने खेल से किया बेरमो का नाम रौशन
राकेश वर्मा, बेरमो :
एक समय था जब बेरमो कोयलांचल के खेल मैदानों में सुबह-शाम युवक खेलों का अभ्यास किया करते थे. स्कूल व कॉलेज की टीमें भी खेलों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं. 60 से 90 तक के दशक तक खेलकूद के प्रति युवाओं में गजब का उत्साह था. उस दौर में संडे बाजार, करगली, बोकारो थर्मल, कथारा, गोमिया, होसिर, ललपनिया, महुआटांड़, चंद्रपुरा थर्मल, नावाडीह के मैदान में सालों भर फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि का आयोजन होता रहता था. सीसीएल, डीवीसी, आइइएल, टीटीपीएस प्रबंधन भी हर वर्ष बड़े स्तर पर कई तरह के स्पोर्ट्स का आयोजन करता था. कोयलांचल के कई लोगों ने उत्कृष्ट खेल की बदौलत कोल इंडिया, डीवीसी, आइइएल गोमिया, टाटा आदि में नौकरी पायी. बेरमो कोयलांचल के युवा वर्ग को यहां के पुराने व चर्चित खिलाड़ियों के बारे में जानना चाहिए. 60 से 80 के दशक में बेरमो में प्रशांतो नाहा, जॉन इब्राहिम उर्फ बबलू दा, सुरोजित घोष, सुनील बनर्जी, रामकुमार, जॉन, पी मुखर्जी, तुषार कांति घोष उर्फ टुसू दा, मो शहाबुद्दीन, रामदेव मुंडा, सुकुमार दा, मिंटा दा, महादेव, मीर हुसैन, कामता सि्ंह, साइमन किडर, मार्टिन लेनी दा, गोविंद दा, पाचू दा, संतोष टुबू, मानस सेनगुप्ता, शमीम, सपन मुखर्जी, तारकेश्वर महतो, सरयू गुप्ता, गोपाल, अरविंद सिंह, श्यामल चक्रवर्ती, सोनबार हुसैन, मो जानी, दिलीप, संजय प्रसाद, नसीम, मो मुनीफ, जावेद, लाला, चोकू दा जैसे चर्चित फुटबॉल खिलाड़ी हुए. संडे बाजार के चर्चित फुटबॉल खिलाड़ी मो शहाबुद्दीन की हौसला अफजाई खेल के दौरान दर्शक बजरंग बली कह कर करते थे. कामता सिंह जब गेंद लेकर दौड़ते थे तो उन्हें कोई रोक नहीं पाता था. मो शहाबुद्दीन खान ने खेल के बदौलत धनबाद रेलवे में तो तुषार कांति घोष, पाचू दा, सरदार लैना सिंह ने कोल इंडिया में नौकरी पायी. एथलीट मानस सेल गुप्ता को डीवीसी में नौकरी मिली. इसके अलावा नाडू दा, मिंटा दा, पी जार्ज, विश्वास दा, संतोष, गाजा दा, अघनू, अनिल दास, द्वारिका, असगर, कालिया दा ने भी खेल के बदौलत कोल इंडिया, रेलवे, टाटा, डीवीसी व आइइएल में नौकरी पायी.जूनियर पेले के रूप में मशहूर थे रामदेव मुंडा
संडे बाजार डब्लू डी निवासी फुटबॉल खिलाड़ी रामदेव मुंडा कोयलांचल में जूनियर पेले के रूप में चर्चित थे. उस वक्त फुटबॉल के तीन सुपर स्टार रामदेव मुंडा, शहाबुद्दीन व तुषार कांति घोष उर्फ टूसू दा थे.चर्चित स्पोर्ट्स मैन थे मानस सेन गुप्ता
संडे बाजार निवासी मानस सेन गुप्ता 70-80 के दशक में चर्चित स्पोर्ट्स मैन थे. 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर के अलावा रिले रेस में उनका नाम था. कोयलांचल निवासी सरदार लैना सिंह की साइकिल रेस देखने के लिए मैदान में भीड़ जुटती थी. चर्चित फुटबॉल खिलाड़ी मिंटा दा कोलकाता के चर्चित क्लब से खेलते थे. चंद्रपुरा के सौनबारी हुसैन मोहम्मद स्पोर्टिंग के लिए खेलते थे. करगली घुटियाटांड़ निवासी शमीम नसीम मोहम्मद स्पोर्टिंग के अलावा बिहार के लिए भी खेले. श्यामल चक्रवर्ती टीम के स्टार खिलाड़ी थे. 70 के दशक में देश के चर्चित फुटबॉल क्लब इस्टर्न रेलवे के प्रसिद्ध खिलाड़ी पीके बनर्जी तथा मोहन बगान के बलराम के अलावा चुन्नी गोस्वामी भी संडे बाजार फुटबॉल मैदान में खेल चुके हैं. कथारा में जार्ज मेमोरियल व नरहरि के नाम से चर्चित फुटबॉल टूर्नामेंट हुआ करता था.बालू दा क्रिकेट और भरत रानी शतरंज में थे चर्चित
बेरमो के चर्चित क्रिकेट खिलाड़ियों में बालू दा थे. इसके अलावा अरुण बनर्जी, सोनू दा, सेन दा, अशोक काशमीर, के रुद्रा, निर्मल सिंह, भूषण, दिलीप शर्मा, स्वपन मुखर्जी, संडे बाजार के चटर्जी बंधु, प्रबीर शर्मा, बिनोद सिंह, रंजीत सिंह, देवी दास, मनोज सिन्हा आदि भी बेहतरीन क्रिकेटर थे. शतरंज में बेरमो के चार नंबर निवासी व सीसीएल के कथारा एरिया में कार्यरत भरत रवानी चर्चित रहे. इन्होंने शतरंज में कई दफा सीसीएल की ओर से कोल इंडिया स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.एक्सकैवेशन व टाउन क्लब के बीच होता था फुटबॉल मैच
70 के दशक में संडे बाजार में एक्सकैवेशन व टाउन क्लब के बीच फुटबॉल मैच हुआ करता था. यहां एक एम्लॉयज सेप भी था, जिसमें कोल कर्मियों के बच्चे फुटबॉल खेलते थे. इसके अलावा युवा क्लब व किशोर क्लब था. कोल इंडिया के सौजन्य से हर साल फुटबॉल टूर्नामेंट भी हुआ करता था. मैच देखने के लिए कोयला मजदूरों को सैकेंड हाफ में छुट्टी दे दी जाती थी. हर साल सीसीएल इंटर एरिया स्तरीय स्पोर्ट्स का भी आयोजन किया जाता था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है