झारखंड के इनामी माओवादी दुर्योधन महतो ने संगठन छोड़ा, गद्दार घोषित, 53 लाख रुपये गबन करने का है आरोप
सूत्र बताते हैं कि दुर्योधन महतो पुलिस की शरण में है. अपने साथ पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को भी ले गया है. दोनों को पुलिस मुख्यालय रांची में रखा गया है. गोमिया के असनापानी से उन दोनों को पुलिस ने गिरफ्त में लिया है. हालांकि इस मामले में बोकारो पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है.
बेरमो (बोकारो): शीर्ष इनामी माओवादी दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश दा उर्फ अवधेश को नक्सली संगठन से मोहभंग हो गया है. 15 जनवरी को ही नक्सली संगठन से वह अलग हो गया है. उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी भाकपा (माओवादी) ने ये जानकारी दी है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि शीर्ष इनामी माओवादी दुर्योधन महतो भाकपा माओवादी से गद्दारी करते हुए अपनी पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को लेकर 15 जनवरी की रात 8 बजे भाग गया. वह पार्टी से 52 लाख 77 हजार रुपया नकद, एक टैबलेट, 83 हजार का एक मोबाइल समेत अन्य उपकरण ले गया. संगठन ने उसे रिजनल कमेटी के सदस्य से निलंबित करते हुए गद्दार घोषित कर दिया है.
90 के दशक में हुआ था शामिल
शीर्ष इनामी माओवादी दुर्योधन महतो के जिम्मे उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के अंतगर्त जिलगा सबजोन था. 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़कर पूर्ण पेशेवर के रूप में पार्टी में शामिल हुआ था. संगठन में समय गुजरने के साथ-साथ उसका ओहदा बढ़ता गया और 2001 में उसे झारखंड रिजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया. इसी बीच 2003 में बाघमारा में गोपनीय रूप से पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था. 2013 में जेल से सजा काटकर निकलने के बाद संगठन से माफीनामा मिलने के बाद फिर पार्टी में शामिल हो गया. वर्ष 2018 में उसे फिर से झारखंड रिजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया और जिलगा सबजोन का जिम्मा दिया गया.
संगठन के सिद्धांत से भटक गया था
जिलगा सबजोन के इलाके में संगठन की मजबूती के लिए माओवादी दुर्योधन महतो कोई विशेष काम नहीं कर रहा था, जिससे संगठन को नुकसान हो रहा था. अपनी जिम्मेवारी छोड़कर ये लेवी वसूली के काम में ही लगा रहता था. लेवी का ज्यादातर हिस्सा गुप्त रूप से अपने एक निजी रिश्तेदार के पास भेजता रहा और आखिर में 15 जनवरी को लगभग 53 लाख नकद सहित पत्नी और डिजिटल उपकरण के लेकर फरार हो गया.
पुलिस की शरण में है दुर्योधन
सूत्र बताते हैं कि दुर्योधन महतो पुलिस की शरण में है. अपने साथ पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को भी ले गया है. दोनों को पुलिस मुख्यालय रांची में रखा गया है. गोमिया के असनापानी से उन दोनों को पुलिस गिरफ्त में लिया गया है. हालांकि इस मामले में बोकारो पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है. दुर्योधन मूलरूप से धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहने वाला है. संगठन में काम करने के दौरान बोकारो जिले के अलग-अलग इलाकों में कई बड़े घटनाओं में शामिल रहा है. खासकर झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला और खासमहल के सीआइएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना में सुर्खियों में था.