अखंड सौभाग्य की कामना के लिए सुहागिनों ने की पूजा
वट सावित्री व्रत : वट वृक्ष के नीचे उमड़ी सुहागिनों की भीड़, बरगद के पेड़ पर बांधा रक्षा का सूत्र, सुबह से ही वट वृक्ष की पूजा करने के लिए पहुंचने लगीं महिलाएं
बोकारो. वट सावित्री व्रत पर बुधवार को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की. बरगद के पेड़ के नीचे सैकड़ों सुहागिन महिलाएं सज-धजकर विधिवत पूजा अर्चना कर वृक्ष में कच्चे धागे से फेरे लगाया. उमस भरी गर्मी पर सुहागिनों की आस्था भारी पड़ी. नव विवाहिताओं में वट सावित्री पूजा को लेकर खास उत्साह देखने को मिला. वट वृक्ष को आम, लीची, मौसमी फल अर्पित करने, कच्चे सूत से बांधने व हाथ पंखे से ठंडक पहुंचाने के बाद महिलाओं ने आस्था के साथ इसकी परिक्रमा की. पूजा के बाद वट सावित्री कथा भी सुनी. सुहागिन महिलाओं ने पूजा की थाली सजाकर वट वृक्ष की 12 बार परिक्रमा की और फल-फूल चढ़ाकर सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना की. सुहागिन ने खोइछा भराई का भी रस्म पूरा किया.
जैनामोड़.
महिलाओं ने अपने सुहाग की मंगलकामना व दीर्घायु के लिए बुधवार को वट सावित्री का व्रत रखा. जैनामोड़, तुपकाडीह, बहादुरपुर के अलावा जरीडीह गांव में भी जगह-जगह बरगद और पीपल की पूजा की गयी. महिलाओं ने नये वस्त्र, जेवर पहन कर पूजा-अर्चना की. महिलाओं ने बरगद-पीपल के 108 फेरे भी लगाए. जरीडीह आचार्य गोवर्धन ओझा के अनुसार वट-सावित्री पूजा का महिलाओं के लिए विशेष महत्व है.पिंड्राजोरा.
पिंड्राजोरा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर बुधवार को वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की गयी. चाकुलिया, पिंड्राजोरा, नारायणपुर, मिर्धा, सरदाहा, कुर्रा, कांड्रा व अन्य गांवों में वट सावित्री की पूजा की गयी. चाकुलिया व मूर्तिटांड़ शिव व काली मंदिर स्थित पुरानी बरगद के पेड़ की सुहागिन महिलाओं ने पूजा अर्चना की.तलगड़िया.
तलगड़िया क्षेत्र के आसपास इलाकों में पति की लंबी आयु की कामना के साथ बुधवार को वट सावित्री पर्व मनाया गया. इस अवसर पर वट वृक्ष की पूजा अर्चना व उसकी परिक्रमा की गयी. वट सावित्री कथा का भी श्रवण किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है