NJCS की बैठक फिर रही बेनतीजा, बोनस पर नहीं बनी बात, SAIL प्रबंधन के प्रस्ताव को यूनियन ने ठुकराया
बोनस समझौता को लेकर नयी दिल्ली में NJCS की बैठक बेनतीजा खत्म हो गयी. इस बैठक में सेल प्रबंधन 22,000 रुपये बोनस देने की बात कही, वहीं यूनियन ने 63,000 रुपये बोनस लेेने की बात कही. अब अगली बैठक 24 सितंबर को होगी.
Jharkhand News: BSL सहित SAIL कर्मियों के बोनस निर्धारण को लेकर नयी दिल्ली में सोमवार को हुई NJCS की बैठक एक बार बेनतीजा खत्म हुई. अब बोनस को लेकर अगली बैठक 24 सितंबर को होगी. सेल प्रबंधन के प्रस्ताव को ठुकराते हुए यूनियन ने एक स्वर में बोनस फॉर्मूला बनाने की मांग की. बोनस पर फैसला नहीं हुआ. इस बैठक में सेल प्रबंधन ने कहा कि 22,000 रुपये बोनस देंगे. वहीं, यूनियन ने कहा कि 63,000 रुपये बोनस लेंगे.
यूनियन का विरोध
बैठक शुरू होते ही सेल प्रबंधन की ओर से पिछली बार की तरह इस बार भी 21,000 रुपये बोनस की बात कही गयी, जिसका यूनियन ने जोरदार विरोध किया. बहस के बाद प्रबंधन ने एक हजार रुपये बढ़ाकर 22,000 रुपया बोनस देने का प्रस्ताव दिया. साथ ही, इससे अधिक बोनस देने में असमर्थता जतायी. इसके बाद सभी यूनियन भड़क गयी. कहा कि कर्मियों को बोनस देने के लिये प्रबंधन पहले फॉर्मूला बनाये, तब बोनस दे.
प्रॉफिट को देखते हुए कर्मियों को मिले बोनस
यूनियन का कहना था कि पिछले वित्तीय वर्ष और वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रॉफिट को देखते हुए कर्मियों को बोनस की राशि दी जाये. यूनियन की ओर से 63,000 रुपये बोनस की डिमांड की गयी. कहा गया कि सेल को इस बार चार गुणा अधिक प्रॉफिट हुआ है. कर्मियों को बोनस का भुगतान भी चार गुणा अधिक (84,000) होना चाहिए. प्रबंधन के 22,000 रुपये बोनस के प्रस्ताव पर यूनियन ने तीन गुणा (63,000) की डिमांड की.
पीआरपी के तर्ज पर मजदूरों के लिए भी फॉर्मूला
सेल प्रबंधन के 22,000 रुपये बोनस के प्रस्ताव को यूनियन ने ठुकरा दिया. कहा कि किसी भी भुगतान के लिए एक फॉर्मूला की जरूरत होती है. इसलिए बोनस भुगतान के फैसले के लिए पीआरपी के तर्ज पर मजदूरों के लिए भी फॉर्मूला प्रबंधन तय करे. उस आधार पर बोनस का भुगतान होना चाहिए. बोनस का फॉर्मूला नहीं होने से कर्मियों को साल घाटा हो रहा है. कंपनी के प्रॉफिट के अनुसार बोनस नहीं मिलता है.
कच्चे मालों के दामों में बढ़ोतरी का हवाला दिया
बैठक में प्रबंधन की ओर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे मालों के दामों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए 22,000 रुपये से अधिक बोनस देने में अपनी असमर्थता जाहिर की. इसपर सभी यूनियन ने टाटा स्टील जैसी निजी कंपनी का हवाला देते हुए कहा कि मजदूरों का हौसला बुलंद रहेगा, तभी उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी. कंपनी अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित करेगी. बोनस राशि को लेकर देर तक बहस हुई.
सेल चेयरमैन से बात के बाद होगी अगली बैठक
प्रबंधन की ओर से कहा गया कि स्थिति को लेकर चेयरमैन से बात की जायेगी. अगली बैठक 24 सितंबर को होगी. प्रबंधन की ओर से डायरेक्टर पर्सनल और डायरेक्टर फाइनेंस, यूनियन से एटक के डी आदिनारायण व रामाश्रय प्रसाद सिंह, इंटक के संजीवा रेड्डी व वीरेंद्र चौबे, सीटू के ललित मोहन मिश्रा व विश्वरूप बनर्जी, एचएमएस के संजय वाडेकर व राजेंद्र सिंह, बीएमएस के डीके पांडे व रंजय कुमार उपस्थित थे.
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एनजेसीएस बैठक की मुख्य बातें
– एटक की ओर से डी आदिनारायण व रामाश्रय प्रसाद सिंह ने पीआरपी के तर्ज पर 60,000 रुपये की बोनस की मांग को रखा और बोनस के लिये फॉमूला बनाने की बात रखी
– इंटक के संजीवा रेड्डी ने कहा कि पिछले साल सेल का मुनाफा चार गुना ज्यादा हुआ है. उस आधार पर बोनस का भुगतान पिछले साल की तुलना में 63000 रुपये होना चाहिए
– बीएमएस के डीके पांडे ने कहा कि बोनस को लेकर फॉर्मूला बनना चाहिए. मजदूरों को 63000 रुपये बोनस का भुगतान होना चाहिए.
रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो.