BOKARO NEWS : गोमिया विस में सबसे बड़ा मुद्दा है पलायन
BOKARO NEWS : गोमिया विधानसभा क्षेत्र में पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है. हर साल यहां के 25 से 30 हजार युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं.
राकेश वर्मा, बेरमो : गोमिया विधानसभा क्षेत्र में पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है. हर साल यहां के 25 से 30 हजार युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं. बाहर के राज्यों में काम करने वाले लोगों की मौत की खबर लगातार आती रहती है. इसके अलावा विस्थापन भी क्षेत्र का ज्वलंत मुद्दा है. आज भी कोनार डैम, तेनुघाट डैम, टीटीपीएस और सीसीएल से संबंधित सैकड़ों विस्थापित नियोजन और मुआवजा से वंचित हैं. क्षेत्र में बंद होती कोलियरियाें और नये उद्योग के नहीं खुलने के कारण रोजगार के अवसर कम हो रहे है. टीटीपीएस द्वितीय फेज का विस्तारीकरण नहीं हो पाया है. यह काम होता तो सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता. तुलबुल में डीवीसी द्वारा हाइडल पावर प्लांट लगाने की योजना भी धरातल पर उतर नहीं पायी है. बेरमो को जिला बनाने की मांग गोमिया विधानसभा क्षेत्र से ही जुड़ा हुआ है. यहां के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बोकारो समाहरणालय जाने के लिए 125 किमी और अनुमंडल मुख्यालय जाने में 60 किमी की दूरी पड़ती है. क्षेत्र में उच्च शिक्षा की सुविधा का अभाव है. तेनुघाट में वर्ष 2014 से बन कर तैयार आइटीआइ कॉलेज चालू नहीं हो पाया है. गोमिया विधानसभा में 64 पंचायतें हैं. गोमिया प्रखंड में 36 पंचायतें हैं. इनमें आधा से अधिक पंचायतें अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में आती हैं. क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने का अभियान आज भी जारी है. लोगों का कहना है कि यहां को लोगों को बेहतर इलाज के लिए बोकारो, रांची, रामगढ़, विष्णुगढ तथा हजारीबाग जाना पड़ता है.
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