बोकारो: सीसीएल कथारा क्षेत्र अंतर्गत जारंगडीह परियोजना की वर्षों से बंद पांच नंबर भूमिगत खदान में सपोर्ट के लिए लगाया गया स्टील कॉग चोरों द्वारा काटने के दौरान चाल धंस गयी. लोहा काट रहे कई चोरों को गंभीर चोट लगी है. इसमें से एक की मौत घटनास्थल पर होने की आशंका है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. घटना शुक्रवार देर रात की है. जानकारी मिलने पर बोकारो थर्मल थाना की पुलिस, सीसीएल के सुरक्षा कर्मी और अधिकारी पहुंचे. इस मामले में सीसीएल की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
सीसीएल कथारा की पांच सदस्यीय रेस्क्यू टीम शनिवार को दोपहर तीन बजे 30 मिनट का रिटर्निंग समय देकर खदान के अंदर गयी. टीम इंकलाइन के दो नंबर सीम तक गयी, इसके बाद रूफ सेफ नहीं रहने और रास्ता खराब होने के कारण लौट गयी. 30 मिनट बाद रेस्क्यू टीम के नहीं लौटने पर सीसीएल अधिकारी दूसरी टीम को खदान में भेजने की तैयारी में थे, तब तक पहली टीम वापस आ गयी. रेस्क्यू टीम के लीडर कालीचरण साहू ने बताया कि चोरों द्वारा इंकलाइन की फेंसिंग दीवार को तोड़ा गया है.
खदान के रूफ में कोई सपोर्ट नहीं है. दो नंबर सीम के बाद रास्ता भी बहुत खराब है. इतनी दूर में चाल नहीं धंसी है. घटना और अंदर में घटी होगी. खदान सुरक्षित नहीं रहने के कारण टीम ने रिस्क नहीं लिया और आगे नहीं गये. इधर, पुलिस ने बंद खदान के समीप लगभग पांच टन लोहा भी बरामद किया, जिसे चोरों द्वारा काट कर रखा गया था.
जानकारी के अनुसार इस भूमिगत खदान को कुछ साल पहले सीसीएल बोर्ड के निर्देश पर बंद कर दिया गया था. इसके बाद सीसीएल कथारा क्षेत्र ने खदान फेंसिंग की निविदा निकाली, जिसमें कंक्रीट दीवार बना कर खदान का मुहाना बंद करने का एग्रीमेंट हुआ. लेकिन संवेदक व असैनिक विभाग की मिलीभगत से ईंट की दीवार बना कर खदान का मुहाना बंद कर खानापूर्ति कर दी गयी. इसका लाभ उठाते हुए चोर दीवार तोड़ कर खदान के भीतर लगे लोहे की चोरी करते रहे.
शनिवार की सुबह घटना की सूचना मिली. दो लोग घायल भी हुए, जिसे लेकर उनके साथी भाग गये. किसी के मरने की जानकारी नहीं है. वैसे पता लगाया जा रहा है.
रवींद्र कुमार सिंह, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी, बोकारो थर्मल
खदान में लगे सपोर्ट कॉग को काटने के दौरान घटना घटी है. रेस्क्यू टीम बुला कर जांच करायी गयी, वहां कुछ नहीं मिला. किसी के मरने की सूचना नहीं है. पुलिस जांच कर रही है.
नवल किशोर दुबे, पदाधिकारी, जारंगडीह
Posted By: Sameer Oraon