Bokaro News : कोर्ट का फैसला आने तक काम बंद रखे मोहन टिंबर
Bokaro News : डीएफओ ने दिया टिंबर की आरा मशीन व लकड़ी गोदाम को बंद करने का आदेश
Bokaro News : बोकारो इस्पात संयंत्र की जमीन पर अवैध रूप से चल रहे मोहन टिंबर पर वन विभाग की गाज गिरी है. वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने मोहन टिंबर को बंद करने के आदेश से संबंधित पत्र जारी किया है. तीन जनवरी को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है. डीएफओ ने मोहन टिंबर का आरा मशीन व लकड़ी गोदाम बंद करने का आदेश दिया है.
टिंबर स्थानांतरण का दिया गया आवेदन निकला त्रुटिपूर्ण :
डीएफओ की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बीएसएल ने दो जनवरी ने पत्र लिख कर आग्रह किया है कि अवैध जमीन पर टिंबर चलाया जा रहा है. इस संबंध में संपदा न्यायालय ने भी बेदखली का आदेश पारित कर दिया है. साथ ही मोहन टिंबर की ओर से आरा मशीन को अन्य जगह स्थानांतरित करने संबंधित स्टेट लेवल कमेटी को दिया गया आवेदन भी त्रुटिपूर्ण निकला. त्रुटि को सुधारने के लिए टिंबर की ओर से पहल नहीं की गयी. इससे स्पष्ट होता है कि टिंबर स्थानांतरण की मंशा नहीं है. ऐसे में टिंबर को बंद करने का आदेश दिया जाता है.आदेश की अवहेलना होने पर होगी कार्रवाई :
डीएफओ ने पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि टिंबर तब तक बंद रहेगा, जब तक स्थानांतरण का आदेश नहीं मिलता या फिर न्यायालय की ओर से फैसला नहीं आ जाता है. इतना ही नहीं, पत्र में साफ शब्दों में लिखा गया है कि टिंबर बंद करने के आदेश की अवहेलना करने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी. मोहन टिंबर को बेदखली लेकर बीएसएल 2023 से ही प्रयास कर रहा था. कई बार वन विभाग व बीएसएल के बीच इस संबंध में पत्राचार भी हुआ था.सुरक्षा कारणों से बीएसएल को स्थगित करनी पड़ी थी कार्रवाई :
बताते चलें कि 12 दिसंबर 2024 को भी बीएसएल प्रबंधन मोहन टिंबर के बेदखली के लिए गया था, लेकिन, सुरक्षा के कारणों से स्थगित करना पड़ा. इधर, बीएसएल ने बिजली विभाग को 28 दिसंबर 2024 को मोहन टिंबर को दी गयी बिजली कनेक्शन हटाने के लिए पत्राचार किया गया है. बीएसएल की ओर से कहा गया है कि मोहन टिंबर को बिजली का कनेक्शन विभाग द्वारा बोकारो इस्पात संयंत्र के अनुमति के बिना दिया गया है, जो गंभीर मामला है. बीएसएल जमीन पर विद्युत् वितरण देने से पहले बोकारो इस्पात संयंत्र की अनुमति लेना अनिवार्य है.पता कहीं का और बिजली का इस्तेमाल कहीं और :
बिजली विभाग को लिखे पत्र में कहा गया है कि मोहन टिंबर की ओर से प्रस्तुत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का बिजली उपभोग बिल से संबंधित दस्तावेज मोहन कुमार के नाम पर हैं, जिसका पता राजेंद्र नगर है. बिजली विभाग से पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में राजेंद्र नगर पता पर लिया गया बिजली कनेक्शन को उकरीद मोड़ पर आरा मशीन के संचालन के लिए उपलब्ध कराया गया है. यह चिंताजनक व जांच योग्य है. बीएसएल बिजली विभाग को इससे पहले भी चार पत्र दे चुका है, लेकिन, कोई समुचित कार्रवाई नहीं हुई.बेदखली को लेकर सुस्त क्यों दिखी बीएसएल :
मोहन टिंबर को लेकर बीएसएल ने वन विभाग को 2023 से पत्राचार शुरू किया. दिसंबर 2023 में वन विभाग ने स्पष्ट तौर पर बीएसएल को लिखित में जवाब दिया कि अगर बीएसएल की भूमि पर अतिक्रमण कर कोई आरा मिल या लकड़ी का गोदाम का संचालन किया जा रहा है तो बीएसएल अपने स्तर पर कार्रवाई के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है. कार्रवाई पर वन विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी. 21 मई 2024 में संपदा न्यायालय में बात रखने के बाद न्यायालय की ओर से टिंबर को अवैध करार दिया गया. इसके बाद बीएसएल कार्रवाई के लिए दिसंबर तक का इंतजार क्यों करता रहा!डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है