बोकारो : झामुमो बोकारो जिला कमेटी की ओर से मंगलवार को सेक्टर वन बी के क्वार्टर नंबर 221 व 222 का ताला शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के कार्यालय के लिये तोड़ दिया गया़ बुधवार को भी दोनों क्वार्टरों पर कब्जा बरकरार रहा़ इस घटना के बाद बीएसएल के क्वार्टरों पर कब्जा की चर्चा एक बार फिर गर्म है़ जानकारी मिली है कि बीएसएल के 10 सेक्टरों में 1000 से अधिक क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है़ कब्जाधारियों में पुलिस, नेता, राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ यूनियन व कुछ पत्रकार भी शामिल है़ं
बीएसएल के क्वार्टराें पर कब्जा रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिन-दहाड़े होता है़ 10 सेक्टरों में सबसे अधिक क्वार्टर सेक्टर-12 में लगभग 300 आवासों पर अवैध कब्जा है़ इसके अलावा कैंप-वन, सेक्टर-1, सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-4, सेक्टर-5, सेक्टर-6, सेक्टर-8, सेक्टर-9 व सेक्टर-11 के भी बड़ी संख्या में क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है़ इनमें इ-एफ टाइप से लेकर बी टाइप तक के क्वार्टर शामिल है़ं बड़ी बात यह कि झामुमो ने रिहायशी क्षेत्र में दिन-दहाड़े क्वार्टर का ताला तोड़ कर कब्जा कर लिया़ बीएसएल प्रबंधन इस पर तुरंत रेस हुआ़ प्रशासन की भी मदद ली, लेकिन 24 घंटे बाद भी क्वार्टर पर से अवैध कब्जा नहीं हट पाया़ उधर, कई लोग सालों से क्वार्टर पर कब्जा जमाये हुए है़
अगर कुछ माह तक खाली आवास में ताला बंद रहता है, तब वह उसका ताला तोड़ कर उसमें रहने लगते हैं. क्वार्टरों पर अवैध कब्जा करनेवाले लोग बीएसएल प्रबंधन के पानी व बिजली का मुफ्त इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे प्रबंधन को प्रतिमाह लाखों रुपये की क्षति हो रही है़
अभियान भी चलाता है बीएसएल
अवैध क्वार्टर कब्जाधारियों के खिलाफ बीएसएल प्रबंधन समय-समय पर अभियान भी चलाता है़ इसे दो तरह से किया जाता है़ पहला, जब कोई नया अवैध कब्जा होता है, तब बीएसएल की टीम पहुंचती है और क्वार्टर खाली करा कर अपना ताला बंद कर देती है़ दूसरा, लंबे समय से क्वार्टर पर अवैध कब्जाधारी के खिलाफ बीएसल प्रबंधन संपदा न्यायालय में केस करता है़ न्यायालय के आदेश के बाद बीएसएल प्रबंधन बेदखली प्रक्रिया के तहत नोटिस निकाल कर क्वार्टर खाली करने का एक निश्चित समय देता है़ तय समय-सीमा के अंदर क्वार्टर खाली नहीं होता है, तो प्रबंधन उसे पुलिस-मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खाली कराया जाता है़
फैक्ट फाइल : हर माह रिटायर हो रहे हैं 150-200 कर्मी
बीएसएल से हर माह 150-200 कर्मी रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में विभिन्न सेक्टरों में दो हजार से अधिक क्वार्टर खाली है़ इनमें सभी टाइप-इ-एफ, डी टाइप, सी-डी टाइप, सी टाइप, बी टाइप के क्वार्टर है़ खाली पड़े क्वार्टर को अवैध कब्जा से बचाना बीएसएल प्रबंधन के लिये चुनौती है़ यही कारण है कि आये दिन क्वार्टरों पर अवैध कब्जा हो रहा है़ ताजा मामला सेक्टर वन बी का सामने है़ बीएसएल प्रबंधन ने अगस्त-सितंबर 2019 में अवैध कब्जा वाले क्वार्टरों की सूची विभिन्न अखबारों में प्रकाशित करायी थी़ इसमें शहर के 10 सेक्टरों के लगभग 1000 क्वार्टर की सूची शामिल थी़
उठ रहे हैं सवाल
बीएसएल अपने ही आवासों पर अवैध कब्जा क्यों नहीं रोक पाता है?
इस मामले में प्रबंधन बोलने से भी क्यों बचता है?
चुप्पी का कारण?
कहीं व्यक्तिगत लाभ के लिए बीएसएल के कुछ अधिकारी व कर्मी आवास कब्जा को तो बढ़ावा नहीं देते हैं?
posted by : Pritish Sahay