संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा का आंदोलन : कोल इंडिया का अस्तित्व मिटाना चाहता है केंद्र

कॉमर्शियल माइनिंग, कोल ब्लॉक निजी कंपनियों को सौंपने, सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया से अलग करने तथा श्रम कानूनों में संशोधन के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा का दो दिवसीय आंदोलन बुधवार से शुरू हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2020 6:30 AM

फुसरो/गांधीनगर/कथारा : कॉमर्शियल माइनिंग, कोल ब्लॉक निजी कंपनियों को सौंपने, सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया से अलग करने तथा श्रम कानूनों में संशोधन के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा का दो दिवसीय आंदोलन बुधवार से शुरू हो गया. इसके तहत पहले दिन बुधवार को बेरमो कोयलांचल में सीसीएल ढोरी, बीएंडके व कथारा एरिया कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया.

बाद में प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ढोरी जीएम कार्यालय में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार कोयला उद्योग का अस्तित्व मिटाना चाहती है. केंद्र ने 51 कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

इससे कोयला उद्योग संकट में है. केंद्र सरकार कोयला उद्योग को कारपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश कर रही है. इसे कभी पूरा नहीं होने दिया जायेगा. यहां प्रदर्शन में संयुक्त मोर्चा के गिरजा शंकर पांडेय, रवींद्र मिश्रा, विनय पाठक, विकास कुमार सिंह, ओमशंकर सिंह, जवाहरलाल यादव, गोवर्धन रविदास, कैलाश ठकुर, आर उनेश, महेंद्र चौधरी, बिरन लोहार, जयनाथ मेहता, कृष्णा थापा, मदन महतो, भोलू खान, शंकर घांसी आदि शामिल थे.

बीएंडके में पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन : देशव्यापी विरोध दिवस के तहत संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा ने बुधवार को बीएंडके जीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. पीएम के नाम प्रबंधन को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा. इससे पूर्व करगली गांधी चौक से जुलूस निकाला गया. सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. नेताओं ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग और श्रम कानूनों में संशोधन कर सरकार मजदूरों पर हमला कर रही है. कोयला उद्योग का निजीकरण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

प्रदर्शन में श्यामल कुमार सरकार, सुजीत कुमार घोष, महेंद्र विश्वकर्मा, भागीरथ शर्मा, वीरेंद्र कुमार सिंह, सुबोध सिंह पवार, टीनू सिंह, विकास कुमार सिंह, गजेंद्र प्रसाद सिंह, किशोर कुमार, विजय कुमार भोई, गणेश प्रसाद महत्व, आभाष चंद्र गांगुली, मधुसूदन भट्टाचार्य, सुशील कुमार सिंह, संतोष सिन्हा, तारकेश्वर चक्रवर्ती, महेंद्र प्रसाद, दिलीप रवानी, संतोष कुमार, श्याम नारायण सतनामी, विनोद कुमार, शिबू डे, जयनाथ तांती, अशोक अग्रवाल, प्रताप सिंह, पुनीत महतो, उज्जवल चक्रवर्ती, जीसी मंडल, अभय सिंह, पुरुषोत्तम दास, जगदीश मुखर्जी, शिवनंदन छत्री, शिवनारायण, भरत पासवान, चिंताराम, दिलीप सिंह, मनोज पासवान, सुरेश कुमार, तपन गोस्वामी, केशव मंडल, अरुण सेनगुप्ता, अकबर अली, एसके आचार्य के अलावा यूसीडब्ल्यूयू, आरसीएमएस, सीकेएस, एनसीओई सीटू, जेएमएस, आरकेएमयू, सीएमयू, जेसीएमयू के सदस्य शामिल थे.

अभी खतरा नहीं टला है : इधर, संयुक्त मोर्चा ने कथारा जीएम कार्यालय में प्रदर्शन के बाद पीएम के नाम प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा. यहां यूसीडब्लूयू के महामंत्री व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो ने कहा कि केंद्र सरकार कोल इंडिया को निजी हाथों सौंपने के लिए आमदा है. यूनियनों के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने 11 जून को होने वाली 50 कोल ब्लॉक की नीलामी को रद्द कर दिया है, लेकिन अभी खतरा नहीं टला है. उन्होंने मजदूरों से बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया.

सभा को एटक के चंद्रशेखर झा, रामेश्वर साव, भामसं के विजयानंद प्रसाद, रामेश्वर कुमार मंडल, सीटू के एसबी सिंह दिनकर, प्रदीप कुमार विश्वास, निजाम अंसारी, कमलेश कुमार गुप्ता, राकोमसं के सूर्यपत सिंह, अंजनी कुमार त्रिपाठी, अवधेश कुमार सिंह, धनेश्वर यादव, प्रमोद कुमार सिंह,एच अधिकारी, रंजय सिंह, इस्लाम अंसारी, आरकेएमयू के अनूप कुमार सोय, गणेश राम, झा, श्रमिक यूनियन रंजीत कुमार महतो, जमसं के कामोद यादव, बैरिस्टर सिंह के अलावा बीके झा, भीमलाल यादव, गोपाल महतो, राजू स्वामी, रामेश्वर चौधरी, राजीव कुमार पांडेय, मथुरा यादव, कमलकांत सिंह सहित दर्जनों शामिल थे. अध्यक्षता सीएस झा व संचालन रामेश्वर साव ने किया.

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