मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के जरिये शहर से जुड़ेंगे झारखंड के गांव, किसानों व विद्यार्थियों को होगी सहूलियत
डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि योजना का उद्देश्य गांव से प्रखंड, जिला मुख्यालय व शहर तक आवागमन की सुविधा बहाल करनी है. इससे गांव के किसान, मजदूर, छात्र-छात्राओं को शहर तक आने में सुविधा होगी. छात्रों के लिए स्कूल-काॅलेज, किसानों के लिए बाजार व मरीजों के लिए अस्पताल तक पहुंचना सुलभ होगा.
बोकारो जिला का गांव-गांव अब शहर संपर्क से जुड़ेगा. मतलब, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय व तय रूट में आने में बहुत कम पैसा खर्च करना होगा. इस संबंध में झारखंड मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की समीक्षा बैठक हुई. डीसी कार्यालय में हुई बैठक में प्रखंड स्तर पर तय किये गये रूट की समीक्षा हुई. सभी बीडीओ को रूट चार्ट बनाकर प्रस्ताव देने को कहा गया.
किसान, मजदूर, विद्यार्थियों को शहर आने में होगी सुविधा
डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि योजना का उद्देश्य गांव से प्रखंड, जिला मुख्यालय व शहर तक आवागमन की सुविधा बहाल करनी है. इससे गांव के किसान, मजदूर, छात्र-छात्राओं को शहर तक आने में सुविधा होगी. छात्रों के लिए स्कूल-काॅलेज, किसानों के लिए बाजार व मरीजों के लिए अस्पताल तक पहुंचना सुलभ होगा. योजना में शामिल होने वाले वाहन मालिकों को भी सरकारी टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी.
बोकारो के 5 प्रखंड से मिला रूट चार्ट
मौके पर डीटीओ संजीव कुमार समेत विभिन्न प्रखंड के बीडीओ मौजूद थे. बताया गया कि पांच प्रखंड की ओर से रूट चार्ट दिया गया. हालांकि, यह पहला स्टेज है. रूट को प्रमाणित करने के लिए उप परिवहन आयुक्त हजारीबाग को दिया जायेगा. वहीं, कुछ रूट में सुधार के लिए वापस प्रखंड स्तरीय टीम को दिया जायेगा.
हर प्रखंड में तय रूट पर चलेंगे वाहन
योजना के तहत ग्रामीण व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के लिए गांव से शहर को जोड़ने के उद्देश्य से वाहन चलाये जायेंगे. हर प्रखंड में तय रूट पर वाहन चलेंगे. योजना के तहत गांव से शहर आने वाले छात्र, किसानों को बाजार उपलब्ध कराने, दिव्यांगजन, इलाज के लिए आनेवाले हर व्यक्ति को विशेष सुविधा दी जायेगी.
यात्रियों से लिया जायेगा बेहद कम किराया
योजना के तहत ऐसे यात्रियों से सुलभ किराया लिया जायेगा, जो बाजार से बहुत कम होगा. योजना के तहत न्यूनतम सात से अधिकतम 42 सीट वाले वाहन चलेंगे. इसके तहत चलनेवाली बस या छोटी गाड़ियों का निबंधन मात्र एक रुपये में होगा. वहीं 5 साल का परमिट भी एक रुपया में ही होगा.