झारखंड का एक नक्सल प्रभावित गांव, जहां इस वजह से बेटियों की शादी थी मुश्किल, ऐसे बदल गयी तस्वीर

बोकारो के गोमिया प्रखंड मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर और झुमरा पहाड़ से लगभग 10 किलोमीटर दूर है अमन गांव. चारों ओर घने जंगल हैं. ग्रामीणों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके गांव में पक्की सड़कें बनेंगी और गाड़ियां आराम से पहुंच सकेंगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2023 5:07 PM

ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर. बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अतंर्गत चुटे पंचायत के नक्सल प्रभावित अमन पहाड़ पर बसे‌ अमन गांव में विकास से गांव की सूरत बदलने लगी है. पक्की सड़क,‌ प्रधानमंत्री आवास, तेज दौड़ती सवारी गाड़ियां, बड़े शहरों से आने लगे बेटियों के रिश्ते और गांव में आराम से बारात आने से ग्रामीणों का सपना साकार हुआ है. आपको बता दें कि अमन गांव काफी नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. गोमिया प्रखंड मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. झुमरा पहाड़ से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. चारों ओर घने जंगल हैं. ग्रामीणों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके गांव में पक्की सड़कें बनेंगी और गाड़ियां आराम से पहुंच सकेंगी.

पहली बार गांव आए थे बीडीओ

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली बहुत पहले पहुंच चुकी थी, लेकिन सड़क नहीं होने से विकास की रफ्तार काफी धीमी थी. तीन माह पहले गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पक्की सड़क बनी. इससे गांव की तस्वीर बदल गयी. नक्सल प्रभावित गांव होने के चलते अमन गांव में बड़े अधिकारी नहीं पहुंचते थे. आजादी के बाद पहली बार 2020-21 में पहले अधिकारी के रूप में बीडीओ कपिल कुमार अमन गांव पहुंचे थे. विकास को गति देते हुये मनरेगा से मिट्टी मोरम पथ बनवाया. अमन गांव में 25 आवासों का निर्माण कराया गया. 18 प्रधानमंत्री आवास व दो अंबेडकर आवास लाभुकों को मिला है. इसमें कार्य काफी प्रगति पर है. मनरेगा से कुआं, डाड़ी, डोभा, तालाब में स्नान घाट बनाया गया. बीडीओ श्री कुमार का कहना है कि विकास को गति देने में उपायुक्त कुलदीप चौधरी का काफी सहयोग मिलता रहा.

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गांव के विकास में इनका अहम योगदान

योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रथम फेज में भूमि का सत्यापन होना निहायत‌ जरूरी है. इस पर गोमिया के अंचलाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो ने काफी तत्परता दिखाया. भूमि का सत्यापन करने में योगदान देने से विकास को गति मिला. सभी के सहयोग से अमन गांव में विकास को गति मिला है. यह क्षेत्र हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल अंतर्गत आने से पथ के निर्माण में एनओसी दिलाने में तत्कालीन डीएफओ स्मिता पंकज का काफी योगदान रहा. ग्रामीणों की समस्याओं को देखकर उन्होंने वन विभाग की ओर से एनओसी दिलाने में काफी अहम योगदान दिया. अमन गांव निवासी संजय कुमार ने कहा कि प्रखंड व जिला द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत विकास किये जाने पर ग्रामीणों में काफी खुशी है. विकास से काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण तो किया गया है, लेकिन गार्डवाल की जरूरत है, तभी पहाड़ी पानी से सड़क को बचाया जा सकता है.

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अब इस सड़क की है मांग

अमन गांव के ग्रामीणों को पंचायत आवागमन के लिये 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. पहाड़ी मार्ग से होते हुए अमन से पंचायत भवन चुटे की दूरी पांच किलोमीटर है. सड़क निर्माण हो जाए, तो 20 किलोमीटर की दूरी ग्रामीण पांच किलोमीटर में तय कर सकेंगे. पूर्व मुखिया लता देवी के द्वारा मनरेगा से कार्य किया गया था. वर्तमान में मुखिया मो रियाज के द्वारा विकास कार्य किया जा रहा है. इधर, पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा हर घर में नल के माध्यम से जल पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है.

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