बोकारो : चतरोचट्टी बाजार में कभी नक्सलियों की होती थी धमक, अब देर रात तक रहती है चमक

अब इतना बदलाव आया है कि इस बाजार में रात दस बजे तक चमक रहती है. यहां ग्रामीणों को हर जरूरत की सामग्री आसानी से मिल जाती है. नक्सलियों का दबदबा इतना था कि उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी में नहीं थी.

By Nutan kumari | August 24, 2023 12:19 PM

ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर : गोमिया प्रखंड अंतर्गत झुमरा पहाड़ की तलहटी में बसे चतरोचट्टी बाजार क्षेत्र में पहले नक्सलियों की धमक थी. अब इतना बदलाव आया है कि इस बाजार में रात दस बजे तक चमक रहती है. यहां ग्रामीणों को हर जरूरत की सामग्री आसानी से मिल जाती है. बड़कीसिधावारा, हुरलूंग, चतरोचट्टी, बड़कीचिदरी, जुडे कर्री, लोधी के अलावा पचमो का झुुमरा पहाड़ी के लोगों के लिए यह मुख्य बाजार है. यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित से जुड़ा है.

वर्ष 1972 के बाद क्षेत्र में पनपा था उग्रवाद

वर्ष 1972 के बाद क्षेत्र में उग्रवाद पनपा और ग्रामीणों को नक्सलियों के रहमो करम पर चलना पड़ता था. नक्सलियों का दबदबा इतना था कि उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी में नहीं थी. चतरोचट्टी बाजार में हथियारबंद नक्सली दिन में भी चले आते थे. रात तो नक्सलियों का ही होता था. शाम होते ही दुकानों का शटर गिर जाता था. पर अब स्थिति में काफी बदलाव आया है. ग्रामीणों को नक्सलियों का भय अभी भी सताता है, पर पहले की तरह नहीं.

नक्सलियों से निपटने के लिए वर्ष 2015 में बना था पुलिस पिकेट

चतरोचट्टी में नक्सलियों से निपटने के लिए वर्ष 2015 में पुलिस पिकेट बनाया गया. बाद में पिकेट थाना में तब्दील हो गया. क्षेत्र के विकास के अलावा प्रशासन का दबाव बनने से स्थिति में बदलाव आया है. आवागमन के लिये पथ-पुल, अस्पताल, स्कूल, पेयजल पर बल दिया गया. जिससे सातो पंचायत के ग्रामीणों का आवागमन बढा और विकास से क्षेत्र में काफी बदलाव आया.

बैंकिंग सेवा में हो रही परेशानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि चतरोचट्टी में किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा नहीं रहने से परेशानी हो रही है. बैंकिंग सेवा के लिए 20 से 30 किलोमीटर दूर गोमिया, विष्णुगढ़ या बनासो जाना पड़ता है. लंबे समय से ग्रामीण सरकारी बैंक की शाखा चतरोचट्टी बाजार में खोलने की मांग कर रहे हैं. चतरोचट्टी मुखिया महादेव महतो ने कहा कि क्षेत्र का विकास हो रहा है. एक राष्ट्रीय बैंक की शाखा खुलने से क्षेत्र के विकास को बल मिलता. सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए.

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