चास गुरुद्वारा में सबद कीर्तन से संगत हुआ निहाल
चास गुरुद्वारा में सबद कीर्तन से संगत हुआ निहाल
– अखंड पाठ का हुआ समापन, लोगों ने एक-दूसरे को दी बैसाखी की बधाई -श्रद्धालुओं ने छका लंगर प्रतिनिधि, चास चास गुरुद्वारा में शनिवार को धूमधाम से सिख समुदाय ने बैसाखी पर्व मनाया. 11 अप्रैल से चास गुरुद्वारा परिसर में चल रहे अखंड पाठ का शनिवार को विधिवत समापन हुआ. सुबह में लोगों ने घर और गुरुद्वारा पूजा पाठ कर गुरुदेव में आशीर्वाद मांगा और गुरुवाणी सुनी. गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं ने सबद कीर्तन सुना और गुरु ग्रंथ साहेब के आगे मत्था टेका. सुरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह व सुरेंद्र पाल सिंह ने सबद कीर्तन गायन से संगत को निहाल किया. कीर्तन व अरदास के बाद श्रद्धालुओं ने गुरु का लंगर चखा. लंगर में सिख समाज के साथ अन्य लोग भी शामिल हुए. अरविंदर सिंह भाटिया, श्रवण सिंह, वीर सिंह, सतनाम सिंह व दलजीत सिंह सलूजा सहित अन्य लोगों ने कहा कि 1699 में आज के दिन ही गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की शुरुआत की थी, तभी से बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार बसंत ऋतु का प्रतीक माना जाता है. बैसाखी को नयी फसल के साथ जिंदगी की नयी शुरुआत के रूप में मनाया जाता है. साथ ही सिख समुदाय अपनी समृद्ध सांस्कृतिक का उत्सव मनाते हैं. आज बोकारो सेक्टर दो गुरुद्वारा में मनेगा बैसाखी : बोकारो के सेक्टर दो स्थित गुरुद्वारा में रविवार को बैसाखी उत्सव मनाया जायेगा. अखंड पाठ का आयोजन होगा. रागी जत्था द्वारा सबद कीर्तन प्रस्तुत किया गया जायेगा. साथ ही सभी के लिए लंगर की व्यवस्था की गयी है.