लोन को लेकर मिल चुका है नो-ड्यूस सर्टिफिकेट, फिर भी 17 साल बाद मिल रहा वारंट
मामला जरीडीह प्रखंड के पाथुरिया गांव
प्रतिनिधि, कसमार.
लोन को लेकर बैंक में समझौता होने एवं नो-ड्यूस का प्रमाण पत्र मिलने के 17 साल बाद लाभुक को थाना से वारंट मिल रहा है. मामला जरीडीह प्रखंड के पाथुरिया गांव का है. पाथुरिया निवासी विप्लव बनर्जी ने बताया कि करीब दो दशक पहले उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की जैनामोड़ शाखा से पीएमजीआरवाइ के तहत एक लाख रुपये का लोन लिया था. उसमें लगभग 60 हजार की निकासी की थी व 40 हजार बैंक में ही रह गया था. निकासी किये रकम में कुछ पैसे बैंक में जमा नहीं हो सके थे. इसको लेकर बैंक में समझौता हुआ और 30 हजार रुपये भुगतान करने के बाद मामले का निपटारा कर दिया गया था. इस बाबत 12 मार्च 2007 को उन्हें बैंक से नो-ड्यूस का सर्टिफिकेट भी मिला. श्री बनर्जी ने बताया कि समझौता के 17 साल बीत जाने के बाद पिछले सप्ताह जरीडीह पुलिस उनके गांव पहुंची और कहा कि बैंक लोन को लेकर वारंट है. थाना में आकर मिल लें. उन्होंने बताया कि सबकुछ निपटारा हो जाने के बावजूद थाना से वारंट की बात सुनकर वे और घर वाले हैरान-परेशान हैं. उन्होंने बैंक अधिकारियों से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.तीन वारंटी को बालीडीह थाना ने भेजा जेल : बोकारो.
बालीडीह थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह की सक्रियता से रविवार को तीन वारंटियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. गिरफ्तार वारंटी में बालीडीह थाना कांड संख्या 13/2024 (पोक्सो एक्ट) के प्राथमिकी अभियुक्त सूरज दत्ता (कुम्हरी थाना चास मुफ्फसिल), सीपी-933/2021 के वारंटी शिव प्रसाद मांझी (पिपराटांड), जीआर केस न.-1012/2022 के वारंटी संटी कुमार सिंह, सीसी-620/2018 के वारंटी संतोष सिंह (बियाडा बाजार तीनों थाना बालीडीह) शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है