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BOKARO NEWS : बोनस को ले प्रबंधन की ओर से कोई सुगबुगाहट नहीं, चौक-चौराहे पर चर्चा

BOKARO NEWS : बीएसएल. अब तक तिथि तय नहीं, सबको है एनजेसीएस की बैठक का इंतजार

सुनील तिवारी, बोकारो .

कब होगी एनजेसीएस की बैठक… कब व कितना मिलेगा बोनस… बीएसएल कर्मी बोनस को लेकर हिसाब-किताब बैठा रहे हैं. दुर्गा पूजा तीन अक्तूबर 24 को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी. मतलब, अब पूजा में एक माह से भी कम का समय रह गया है. पूजा के माैके पर मिलने वाले बोनस की चर्चा कोल व टाटा में शुरू हो गयी है. लेकिन, बीएसएल-सेल में बोनस को लेकर प्रबंधन की ओर से अब तक कोई सुगबुगहाट शुरू नहीं हुई है. उधर, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस ने बोनस को लेकर सबसे पहले मोर्चा खोल दिया है. बीएकेएस ने प्रोडक्शन रीलेटेड बोनस फॉर्मूला लागू करने की मांग उठायी है. प्रोडक्शन रीलेटेड फॉर्मूला नहीं बना तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगा बीएकेएस : बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने कहा है : प्रोडक्शन रीलेटेड बोनस फॉर्मूला नहीं लागू करने पर बीएकेएस उग्र प्रदर्शन करेगी. हड़ताल बुलायेगी. संघ के प्रमुख सक्रिय सदस्यों की बैठक मजदूर मैदान सेक्टर चार में हुई. उपस्थित सदस्यों ने सेल प्रबंधन व एनजेसीएस नेताओं के बोनस, वेज रीविजन, पदनाम व रात्रि पाली भत्ता मामले में लिए गये निर्णय की निंदा की. बोनस को लेकर सभी विभागों में मीटिंग कर जागरूकता फैलाने व मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया. अगर उसके बाद भी सेल ने प्रोडक्शन रीलेटेड फॉर्मूला नहीं बनाया तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया.

कंपनी प्रबंधन मैनेजर है, मालिक नहीं, हम कर्मचारी हैं, नौकर नहीं :

बीएकेएस के अध्यक्ष हरिओम ने कहा : कंपनी प्रबंधन मैनेजर है मालिक नहीं. हम सेल वर्कर कर्मचारी है नौकर या गुलाम नहीं. बीएकेएस के महासचिव दिलीप कुमार ने कहा : सेल में कार्यरत सभी कर्मचारी इंडस्ट्रीयल एम्पलायमेंट एक्ट और औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत शासित होते हैं. प्रबंधन में हमारी उतनी ही हिस्सेदारी है, जितना चेयरमैन व डायरेक्टरों की. यहां उल्लेखनीय है कि बीएसएल-सेल कर्मियाें को हर साल दुर्गा पूजा से पहले बोनस (एक्सग्रेशिया) मिलता है. कोल व टाटा में बोनस की चर्चा जोरों पर है, लेकिन बीएसएल-सेल प्रबंधन में अभी तक कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है.

2011 से बीएसएल-सेल में बोनस की जगह मिलता है परफार्मेंस इंसेंटिव :

बोनस की राशि की लेकर जोड़-घटाव करने में बीएसएल में लगभग 10000 सहित सेल के 50000 कर्मी जुटे हैं. सोशल मीडिया पर सेल के कर पूर्व लाभ व एबिटा को आधार बना कर कर्मी बोनस का हिसाब-किताब बैठा रहे हैं. कर्मियों का कहना है कि कंपनी के शानदार प्रदर्शन में आम कर्मचारियों का योगदान है. इसलिए बोनस/एक्सग्रेशिया/पीआरपी पर अधिकतम हक कर्मचारियों का है. वर्ष 2011 से सेल में कर्मचारियों को सालाना बोनस की जगह सेल परफार्मेंस इंसेंटिव स्कीम के तहत भुगतान किया जा रहा है. बोनस पर सहमति एनजेसीएस (नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील) की बैठक में बनती है.

किसी भी यूनियन ने बोनस को लेकर अभी तक नहीं खोला है मुंह :

उधर, मान्यता प्राप्त यूनियनों ने चार्टर ऑफ डिमांड की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन किसी भी मान्यता प्राप्त यूनियन ने अभी तक बोनस को लेकर अपना मुंह नहीं खोला है. बीएसएल-सेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई उत्पादन सहित टर्नओवर में स्पेशल रिकार्ड बनाये हैं. संभावना है कि बोनस को लेकर सेल की ओर से जल्द कवायद शुरू होगी, ताकि पूजा के बोनस का भुगतान हो सके. किस आधार पर बोनस दिया जायेगा, इसका फार्मूला बनाने की पहल शुरू होगी. अभी तक प्रबंधन की ओर से कोई सुगबुगाहट नहीं है. बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक 11 सितंबर को बोनस को लेकर मैदान में उतरेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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