बोकारो के आवासीय सेक्टर में खुले हेल्थ सेंटर हो रहे बंद, बीजीएच में बढ़ता जा रहा मरीजों का लोड
80-90 के दशक में बोकारो के हर सेक्टर में बीएसएल के हेल्थ सेंटर थे, लेकिन आज डॉक्टरों की कमी के कारण एक-एक कर बंद होते जा रहे हैं. स्थिति यह है कि बंद हो चुके सेंटर के भवन खंडहर बनते जा रहे हैं. नतीजतन, बोकारो जेनरल अस्पताल पर मरीजों का भार बढ़ता जा रहा है.
Bokaro News: 80-90 के दशक में बोकारो के हर सेक्टर में बीएसएल के हेल्थ सेंटर थे, लेकिन आज डॉक्टरों की कमी के कारण एक-एक कर बंद होते जा रहे हैं. स्थिति यह है कि बंद हो चुके सेंटर के भवन खंडहर बनते जा रहे हैं. नतीजतन, बोकारो जेनरल अस्पताल पर मरीजों का भार बढ़ता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक एक समय सेक्टरों में नौ हेल्थ सेंटर का संचालन किया जाता था. इनमें से चार बंद हो चुके हैं. वर्तमान में संचालित पांच हेल्थ सेंटर में डॉक्टर सहित तीन-तीन कर्मी कार्यरत हैं. इनमें एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट व एक चिकित्सा स्टाफ शामिल हैं.
दरवाजा, खिड़की तक ले गये चोर
शहर के विभिन्न सेक्टरों के बंद पड़े हेल्थ सेंटर के दरवाजे, खिड़की, बिजली के उपकरण सहित अन्य सामानों की चोरी हो चुकी है. सेक्टर-02 हेल्थ सेंटर की बात करें तो मेन गेट सहित बिजली की वायरिंग तक गायब है. इतना ही नहीं अब ताे यह अस्पताल मवेशियों व असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. कमोबेश यही हाल विभिन्न सेक्टरों में बंद पड़े हेल्थ सेंटर का है. चारों तरफ झाड़ियां उग गयी हैं. दीवारें कमजोर हो चुकी है.
बीएसएल प्रबंधन की नाइंसाफी से भी गये डॉक्टर
बीएसएल प्रबंधन का मानना है कि तीन-चार दशक में कर्मियों की संख्या काफी कम हो चुकी है. इस कारण भी हेल्थ सेंटर बंद हो गये हैं, लेकिन हकीकत यह है कि भले ही हजारों कर्मी रिटायर्ड हो चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर कहां जायेंगे? एक रिटायर्ड चिकित्सक की मानें तो कई विशेषज्ञ निजी कारणों के साथ-साथ प्रबंधन की नाइंसाफी के कारण बीजीएच छोड़ चुके हैं.
बुजुर्ग मरीजों की समस्याएं नहीं सुनी जातीं
दूसरी ओर जो हेल्थ सेंटर चालू है वहां की स्थिति भी कुछ खास ठीक नहीं है. लोगों की मानें तो सेक्टर नौ बी स्थित अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर समय पर नहीं आती हैं. खासकर बुजुर्ग मरीजों की समस्या सुनने की जगह गार्ड के जरिये मेडिकल कार्ड मंगाकर दवा लिख देना उनकी आदत है. इतना ही नहीं कार्यअवधि में चाय पीने के नाम पर घंटों समय गुजारना उनकी पहली प्राथमिकता है.
कुछ सेंटर में पर्याप्त दवा तक नहीं
हेल्थ सेंटर के बंद होने से बीजीएच पर दबाव बढ़ गया है. इससे रिटायर्ड कर्मियों के साथ-साथ रेगुलर कर्मी भी परेशान हैं. पहले स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी परेशानी होने पर कर्मी स्वयं या परिजनों के साथ आस-पास के हेल्थ सेंटर पैदल ही चले जाते थे. वर्तमान में स्थिति यह है कि हेल्थ सेंटर में कई प्रकार की दवा नहीं है. वहीं डॉक्टर भी तत्परता से मरीज को नहीं देखते हैं. लिहाजा, बीजीएच जाना लोगों की मजबूरी बन चुकी है.
चालू और बंद हो चुके हेल्थ सेंटर
बंद हो चुके सेंटर : हेल्थ सेंटर 02 , हेल्थ सेंटर 03 , हेल्थ सेंटर 08 , हेल्थ सेंटर 11
चालू हेल्थ सेंटर: हेल्थ सेंटर 01, हेल्थ सेंटर 04 , हेल्थ सेंटर 06 , हेल्थ सेंटर 09 व 12
क्या कहते हैं अधिकारी
बीजीएच में 24 घंटे आकस्मिक सेवा की सुविधा उपलब्ध है. डॉक्टर व मैनपावर की कमी और कर्मियों की संख्या कम होने के कारण ही नौ में से पांच हेल्थ सेंटर का संचालन विभिन्न सेक्टरों में किया जा रहा है. यह अभी के लिये काफी है.
मणिकांत धान, संचार प्रमुख, बीएसएल