बेरमो : कमर्शियल माइनिंग के विरोध में संयुक्त ट्रेड यूनियन मोरचा का कोयला उद्योग में दो जुलाई से आहूत तीन दिनी हड़ताल के पहले दिन बुधवार को बेरमो कोयलांचल में आंदोलन का व्यापक असर रहा. हड़ताल शत-प्रतिशित सफल रही. बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के ढोरी, कथारा व बीएंडके एरिया के तीन दर्जन से ज्यादा कोलियरियों सहित कोल वाशरियों में हड़ताल काफी असरदार रही.
मशक्कत नहीं करनी पड़ी मोर्चा को : हड़ताल के कारण कोलियरियों में कोयले का उत्पादन, कोल ट्रांसपोर्टिंग सहित रेलवे रैक से कोयले की ढुलाई बंद रही. लोकल सेल की सैकड़ों ट्रकों में भी कोयले की ढुलाई नहीं हो पायी. कोलियरियों के अलावा एरिया एकाउंट ऑफिस, जीएम कार्यालय, अस्पताल, इएंडएम, पेयजल आदि विभागों में भी सन्नाटा दिखा.
हालांकि छिटपुट लोगों ने हाजिरी बनायी, लेकिन 90 फीसदी कामगार काम पर नहीं गये. हड़ताल को लेकर यूनियनों को भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. मजदूर स्वत: काम पर नहीं गये. हालांकि बंद में शामिल संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के नेता कोलियरियों में मुस्तैद रहे. डंडा व झंडा लेकर लोग माइंस स्थल पर डटे रहे.
कोलियरियों में रहा सन्नाटा : कई जगहों पर सीसीएल के आला अधिकारियों के अलावा प्रशासन व सीआइएसएफ के साथ हल्की झड़पें भी हुईं. मजदूर के काम पर नहीं जाने व मशीन बंद रहने से कोलियरियों में सन्नाटा पसरा रहा. कोलियरियों में विभागीय काम के अलावा आउटसोर्सिंग के तहत भी कोल प्रोडक्शन व ओबी रिमूवल का काम बाधित रहा. कोलियरियों में पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद रहे, लेकिन कर्मियों के नहीं रहने से काम शुरू नहीं करा सके. कुछ कोलियरियों में सीआइएसएफ व प्रशासन के सहयोग से प्रबंधन ने काम चालू कराने की कोशिश विफल रही.
मजदूरों ने दिखायी चट्टानी एकता : पहली, सामान्य व दूसरी पाली में हड़ताल का प्रभाव सर्वाधिक रहा. तीनों एरिया में ट्रकों से कोल डिस्पैच बुरी तरह प्रभावित रहा. कोल ट्रांसपोर्टिंग बाधित रहने से रेलवे रैक में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पायी. फलत: रेलवे रैक लगा रहा. हड़ताल में शामिल ट्रेड यूनियन इंटक, एटक, एचएमएस व सीटू के अलावा एक्टू, झाकोमयू, झाकोकायू ने हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बताते हुए मजदूरों इस चट्टानी एकता के लिए हार्दिक बधाई दी है. इधर, हड़ताल को लेकर कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है.
एसडीओसीएम में ठप रहा उत्पादन : सीसीएल ढोरी एरिया के एसडीओसीएम परियोजना में हड़ताल के कारण कोयला उत्पादन गुरुवार को पूरी तरह ठप रहा. कोयला व ओबीआर दोनों का ही उत्पादन ठप रहा. यहां मजदूरों की उपस्थिति नही हुई. ओसीपी में भी उत्पादन नहीं हुआ. मजदूर काम पर नहीं आये. तारमी परियोजना में भी बंद का असर रहा.
हड़ताल का गोविंदपुर में व्यापक असर: बोकारो थर्मल. तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर सीसीएल कथारा एरिया के गोविंदपुर प्रोजेक्ट स्थित यूजीजी माइंस एवं स्वांग गोविंदपुर ओपेन कास्ट में देखने को मिला. हड़ताल को लेकर सभी कामगारों ने अपने कामों का पूरी तरह से बहिष्कार किया तथा ड्यूटी पर नहीं गये़ हड़ताल को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठनों के नेता अपने समर्थकों के साथ सक्रिय देखे गये़.
कोयले का उत्पादन और डिस्पैच पूरी तरह से प्रभावित रहा़ मौके पर आरपी मंडल, यूसीडब्ल्यू के एरिया सचिव रामेश्वर साव, शाखा अध्यक्ष विश्वनाथ महतो, सचिव बीएन महतो, विकास सिंह, सहायक सचिव गुलाब चंद महतो, बीएमएस के शाखा अध्यक्ष टिकैत महतो, शाखा सचिव बुधन प्रजापति, हेमलाल महतो, मेघलाल महतो, परन महतो, राजकुमार साव, गंगा महतो, त्रिभुवन सिंह आदि थे.
कोयला उत्पादन ठप : हड़ताल को लेकर गोविंदपुर के यूजी माइंस से प्रतिदिन होनेवाले 250 एमटी कोयला का उत्पादन पूरी तरह से ठप रहा़. इसके अलावा स्वांग गोविंदपुर ओपन कास्ट में आउटसोर्सिंग का काम करनेवाली कंपनी रेड्डी द्वारा भी 1200 एमटी कोयला का उत्पादन एवं डिस्पैच पूरी तरह से ठप रहा़ कपंनी की सभी मशीन एवं हाइवा खड़े रहे़
50 फीसद उत्पादन संभावित : एमके राव
बीएंडके एरिया महाप्रबंधक एमके राव ने कहा कि बीएंडके एरिया से रोजाना 10 हजार टन कोयला उत्पादन तथा 16-17 हजार टन कोल डिस्पैच होता था. हड़ताल के कारण कोयला उत्पादन कम हुआ. 50 फीसद उत्पादन की संभावना है. एरिया से रोजाना तीन रेलवे रैक कोयला जाता था. आज करगली से सिर्फ एक रैक गया.
ढोरी : एक रैक कोयला का डिस्पैच : एमके अग्रवाल
ढोरी एरिया के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल ने कहा कि ढोरी एरिया से रोजाना 7500 टन कोयला तथा 10 हजार टन कोल डिस्पैच हो रहा था. हडताल के पहले दिन शाम तक कोयला उत्पादन व कोल डिस्पैच पर असर पड़ा है. बहुत कम उत्पादन व डिस्पैच हुआ. उन्होंने कहा कि तारमी रेलवे साइडिंग से सुबह चार बजे एक रैक कोयला निकला.
आउटसोर्सिंग में हड़ताल का आंशिक असर
52 रेस्ट और 328 कर्मचारी रहे सिक-लीव पर
कोयला डिस्पैच पर भी मिला-जुला असर
Posted by : Pritish Sahay